श्रीलंका क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज स्पिन गेंदबाज मुथैया मुरलीधरन ने पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी को लेकर बड़ा दावा किया है. मुरलीधरन आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स की टीम से एमएस धोनी के साथ और उनकी कप्तानी में खेल चुके हैं.
पूर्व लंकाई स्पिनर ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी के कौशल की जमकर तारीफ की और कहा कि उनकी अगुवाई की सबसे बढ़िया बात यह थी कि उन्होंने गेंदबाज पर भरोसा किया और उन्हें अपना क्षेत्र निर्धारित करने की आजादी प्रदान की.
मुरलीधरन ने साथ ही यह भी बताया कि अगर कभी मैदान पर गेंदबाज की योजना काम नहीं करती थी तो वह कप्तान की फील्ड के अनुसार गेंदबाज को गेंदबाजी करने के लिए कहते थे.
यह बात सभी जानते है कि धोनी का दिमाग कप्तानी के मामले में कितना आगे रहता था. उन्होंने कई बार कुछ शानदार फील्डिंग पोजीशन से अपनी टीम को मैच जीताए. मुरली ने यह भी कहा, कि धोनी उन कप्तानों में से एक थे जो गेंदबाज की गेंद पर अगर छक्का भी लग जाए तो उसको प्रेरित करते थे.
महेंद्र सिंह धोनी ने ना सिर्फ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बल्कि इंडियन प्रीमियर लीग के इतिहास के सबसे सफल कप्तानों में से एक रहे है. धोनी को हमेशा से ही स्पिन गेंदबाजों का कप्तान कहा जाता हैं. जब जब स्पिन गेंदबाज गेंदबाजी के लिए आते थे, तब तब धोनी की योजनाएं हमेशा काम करती थी. धोनी हमेशा जानते थे कि कब क्या करना चाहिए और वह विपक्षी टीम से दो कदम आगे रहने में माहिर थे.
हाल में ही मुथैया मुरलीधरन को टीम इंडिया के स्टार ऑफ स्पिन गेंदबाज आर अश्विन के साथ एक लाइव चैट करते देखा गया. लाइव चैट के दौरान मुरली ने कहा, ‘’मैं कहना चाहूंगा कि वह (एमएस धोनी) एक युवा कप्तान थे. यह 2007 के विश्व कप में था और उन्होंने भारत की कप्तानी की और जीत हासिल की. उनको पता होता था कि यदि गेंदबाज काम नहीं कर पा रहा है तो वे उस गेंदबाज को खुद ही फील्डिंग सेट करने का मौका देते थे.’’
टेस्ट में 800 विकेट लेने का विश्व रिकॉर्ड बनाने वाले मुरली ने आगे कहा, “अगर कोई अच्छी गेंद पर छक्का लगाएगा तो वह (धोनी) ताली बजाएंगे. वह गेंदबाज को बताएगा कि यह एक अच्छी गेंद है और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि बल्लेबाज ने आपको छक्का मारा है. बल्लेबाजों में भी हिट करने की प्रतिभा होती है.
मुरलीधरन साल 2008 से 2010 के बीच महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेले और 40 मैचों में 41 विकेट लेने में सफल रहे. मुरलीधरन ने कहा कि धोनी गेंदबाज को यह बताने के लिए अकेले ले जाते हैं कि उनको क्या करना है.
श्रीलंकाई महान स्पिनर ने कहा है, “उस तरह की सराहना के साथ, वह आपको अकेले में बुलाएंगे, यह बताने के लिए कि आपको क्या करना है. इसी वजह से वह इतने सफल हैं.” उन्होंने आगे कहा कि धोनी हमेशा अपने सीनियर खिलाड़ियों से सलाह लेना पसंद करते हैं.
उन्होंने कहा है, “वह शांति के साथ सोचने की क्षमता रखते हैं. यही कारण है कि वह इतने अच्छे लीडर बने हैं. जब वह छोटे थे, तब भी वह सलाह (वरिष्ठों से) सुनते थे. वह लोगों की बात सुनेंगे और फिर वह अंतिम निर्णय लेंगे। इसी तरह की कप्तानी वे करते थे.’’
आईपीएल में मुथैया मुरलीधरन ने कुल 66 मैच खेले और 63 विकेट अपने नाम करने में सफल रहे. कहने को मुरली इस कैशरिच में तीन तीन फ्रेंचाइजी का हिस्सा रहे, लेकिन चेन्नई सुपर किंग्स उनकी पसंदीदा टीमों में से एक रही.
Written By: अखिल गुप्ता
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