भारत के तेज गेंदबाज दीपक चाहर ने श्रीलंका के खिलाफ दूसरे मैच में मैच विनिंग पारी खेलने के बाद कहा है कि चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान एमएस धोनी को करीबी मैच में देखना, उनकी बल्लेबाजी स्किल में बड़े बदलाव का एक बड़ा कारक रहा है. चाहर ने मंगलवार को आर प्रेमदासा स्टेडियम में खेले गए दूसरे एकदिवसीय मैच में श्रीलंका को तीन विकेट से हराकर 82 गेंदों पर नाबाद 69 रनों की तूफानी पारी खेली.
भारत 193-7 के स्कोर पर था और मैच में पूरी तरह से श्रीलंका हावी थी, लेकिन चाहर ने अपनी अविश्वसनीय बल्लेबाजी से टीम को मैच में बनाए रखा. चाहर, धोनी की तरह, भुवनेश्वर कुमार के साथ मैच को गहराई तक ले गए, जिनके पास अनुभव है.
राजस्थान के दाएं हाथ के इस खिलाड़ी ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय अर्धशतक बनाया. खास बात ये रही की उनकी बल्लेबाजी में मैच्योरिटी दिखी. उन्होंने जो जोखिम लिए, वह खराब गेंदों पर ही लिए, अच्छी गेंदों पर उन्होंने डिफेंस किया. दरअसल, चाहर और भुवनेश्वर कुमार ने 48वें ओवर में कोई जोखिम नहीं लेने का फैसला किया, जिसे हसरंगा ने फेंका, जो अच्छी लय में थे.
“धोनी का मुझ पर गहरा असर है. सिर्फ चेन्नई सुपर किंग्स के साथ ही नहीं बल्कि शुरू से हमने देखा है कि कैसे वह करीबी मैच जिताते थे. वह हमेशा मुझसे कहते हैं कि मैच आखिर तक ले जाना तुम्हारे हाथ में है और अगर तुम ऐसा कर सके और तुम्हारे पास ओवर हों तो मैच रोमांचक हो सकता है, तो मैं वही कर रहा था. मैच को आखिरी ओवर तक खींचना था.”
चाहर ने कहा कि उन्होंने हमेशा अपनी बल्लेबाजी पर काम किया है और वह अपनी काबिलियत साबित करने में सक्षम हैं. उन्होंने खुलासा किया कि वह हमेशा अपने पिता के साथ अपनी बल्लेबाजी के बारे में बात करते हैं, जो उनके कोच और मेंटर रहे हैं.
“मैंने हमेशा अपनी बल्लेबाजी पर काम किया है, मेरे पिता मेरे कोच रहे हैं. जब मैं उनसे बात करता हूं, तो हम हमेशा अपनी बल्लेबाजी के बारे में बात करते हैं. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि लोग मुझे एक ऑलराउंडर के रूप में देखते हैं या नहीं. बल्लेबाज जो साथ में खेल रहा हो, मुझे विश्वास देता है कि मैं अपना विकेट नहीं दूंगा. एक बल्लेबाज के लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि उसका साथी उसका सपोर्ट करेगा. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि लोग मुझे एक ऑलराउंडर के रूप में देखते हैं या नहीं.”
चाहर की अभी टी20 विश्व कप पर नजर नहीं है क्योंकि टूर्नामेंट में अभी तीन महीने बाकी हैं. हालांकि, तेज गेंदबाज अपने मौके को भुनाना चाहता है.
टी20 विश्व कप अभी काफी दूर है. मेरा लक्ष्य यही है कि जब भी मौका मिले, मैं खुद को साबित करूं. चाहे बल्ले से या गेंद से. चयन मेरे हाथ में नहीं है. मेरा काम प्रदर्शन करना है.”
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