कोरोना वायरस ई महामारी के बीच अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी हो चुकी है. हाल में ही इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच एक सफल टेस्ट सीरीज का आयोजन देखने को मिला था, जिसे मेजबान इंग्लैंड ने 2-1 से जीतर अपने नाम किया. अब इंग्लैंड और पाकिस्तान की टेस्ट सीरीज का आगाज भी हो चुका है.
दोनों देशों के बीच पहला टेस्ट ओल्ड ट्रैफर्ड, मैनचेस्टर के मैदान पर खेला जा रहा है. तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के साथ ही आईसीसी इस खेल में सर्वश्रेष्ठ फॉर्मेट में एक तकनीकी प्रयोग भी करने का रहा है. दरअसल, अब फ्रंट फुट नो बॉल के बारे में फैसला थर्ड अंपायार द्वारा लिया जाएगा. थर्ड अंपायर मैदान पर मौजूद अंपायार को इसकी जानकारी देगा.
आईसीसी ने बुधवार को इस बात की पुष्टि की. आईसीसी ने एक बयान में कहा, “आईसीसी टेस्ट चैम्पियनशिप के अंतर्गत इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच होने वाली तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में फ्रंट फुट नो बाल तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. टेस्ट क्रिकेट में भविष्य में इस तकनीक का इस्तेमाल करने का फैसला लेने से पहले इस सीरीज में इसके प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी.”
अब आईसीसी के इस नए नियम के तहत हर एक गेंद को थर्ड अंपायर द्वारा देखा जाएगा और गेंदबाज का पैर कहां पड़ा है और अगर नो बॉल है तो वह मैदानी अंपायर को उसकी जानकारी देगा. अब मैदान पर मौजूद मैदानी अंपायर नो बॉल को लेकर कोई फैसला नहीं सुनाएगा.
मैदानी अंपायर फ्रांट फुट नो बाल को लेकर तब तक कोई फैसला नहीं देगा जब तक तीसरा अंपायर आदेश नहीं दे देता, वह हालांकि मैदानी फैसलों के लिए जिम्मेदार होगा.
अगर इसे लेकर किसी तरह की शंका होती है तो गेंदबाजों को इसका फायदा मिलेगा और अगर देर से नो बॉल दी जाती है तो मैदानी अंपायर अपने आउट देने (अगर बल्लेबाज को आउट दिया गया हो तो) के फैसले को बदलेगा और नो बॉल देगा.
Written By: अखिल गुप्ता