भारत और इंग्लैंड के बीच खेली जाने वाली आगामी 5 मैचों की टेस्ट सीरीज के साथ विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप 2021-23 के दूसरे चक्र की शुरुआत होगी. डब्ल्यूटीसी का पहला चक्र हाल ही में खत्म हुआ था, जिसमें न्यूजीलैंड ने भारत को 8 विकेट से हराकर खिताबी जीत दर्ज की.र न्यूजीलैंड पहली विश्व कप विजेता टीम रही.
इस बीच विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के पहले चक्र के अंक प्रणाली में काफी खामियां सामने आईं थीं. एक सीरीज के लिए कुल 120 दिए गए थे और इस प्रकार दो मैचों की टेस्ट सीरीज में अंकों को 60-60 में विभाजित किया था, जबकि 5 मैचों की टेस्ट सीरीज में प्रत्येक मैच जीतने वाली टीम को 24 अंक मिले थे, जो काफी अनुचित था.
नतीजतन, 5 मैचों की टेस्ट सीरीज की तुलना में दो मैचों की टेस्ट सीरीज में जीतने के लिए अधिक अंक थे. इसके अलावा, घरेलू और विदेशी टेस्ट जीत के लिए समान अंक थे, जिसे दूसरे चक्र में नहीं बदला गया है.
इससे पहले जिन टीमों के सबसे ज्यादा अंक थे, वह टीमें डब्ल्यूटीसी फाइनल में जगह बनाने वाली थी, लेकिन कोविड -19 के कारण कुछ मैच नहीं खेले जा सके, जिसके बाद आईसीसी ने फैसला किया कि अंतिम दो टीमों को तय करने के लिए जीत प्रतिशत को प्राथमिकता दी जाएगी.
अब, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने फैसला किया है कि प्रत्येक टेस्ट जीत में 12 अंक होंगे और किसी विशेष सीरीज के लिए कोई आवंटित अंक नहीं हैं. प्रत्येक ड्रॉ से टीम को चार अंक मिलेंगे जबकि एक टाई से उन्हें छह अंक मिलेंगे. आईसीसी ने खुलासा किया है कि अंतिम दो टीमों का फैसला एक बार फिर जीत के प्रतिशत के आधार पर होगा.
ICC के कार्यकारी सीईओ ज्योफ एलार्डिस ने ICC की वेबसाइट पर कहा, “पहले प्रत्येक सीरीज के समान 120 अंक होते थे, फिर चाहे यह दो टेस्ट की सीरीज हो या पांच टेस्ट की. अगले चक्र में प्रत्येक मैच के समान अंक होंगे- अधिकतम 12 प्रति मैच. लक्ष्य यह है कि अंक प्रणाली को सरल बनाने का प्रयास किया जाए और किसी भी समस्य तालिका में टीमों की सार्थक तुलना की जा सके, फिर भले ही उन्होंने अलग संख्या में मैच और सीरीज क्यों नहीं खेली हो.”
आईसीसी ने हर टेस्ट मैच को बराबर अहमियत दी है. जितना 5 टेस्ट मैच खेलने वाली टीम को वेटेज मिलेगा, उतना ही 2 मैचों की टेस्ट सीरीज खेलने वाली टीम को भी मिलेगा.