भारत के युवा विकेटकीपर-बल्लेबाज का स्वाभाविक खेल है आक्रामक. उनकी ये आक्रामक शैली, उन्हें बेहद खास बनाती है. अब चौथे टेस्ट मैच में जिस तरह से पंत ने बल्लेबाजी की, उसको देखने के बाद पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान इंजमाम-उल-हक ने उनकी तुलना पूर्व भारतीय बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग से की है, उनका कहना है कि पंत को बल्लेबाजी करते देखना ऐसा लगता है कि मानो सहवाग को बाएं हाथ से बल्लेबाजी करते देख रहे हैं.
इंजमाम ने कहा कि सहवाग की तरह पंत की बल्लेबाजी का नजरिया पिच की स्थिति और विरोधी गेंदबाजों की ताकत के हिसाब से नहीं होता है. ऋषभ पंत विस्फोटक बल्लेबाजी के लिए विश्व क्रिकेट में खूब नाम कमा रहे हैं.
पंत ने बॉर्डर-गावस्कर सीरीज 2020-2021 में सिडनी टेस्ट मैच में 97 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली. इस पारी ने भारत को मैच ड्रॉ कराने में योगदान दिया. इसके बाद बाएं हाथ के बल्लेबाज ने गाबा टेस्ट मैच में जीत दिलाने के लिए 89* रनों की पारी खेली. इस तरह पंत ने तीन टेस्ट मैचों में भारत की ओर से सबसे अधिक 274 रन बनाए.
ऑस्ट्रेलिया में मिले फॉर्म को पंत ने इंग्लैंड सीरीज में भी बरकरार रखा, जब उन्होंने 54 के औसत से 6 पारियों मं 270 रन बनाए. वैसे तो पंत पूरी सीरीज में ही अच्छे दिखे, लेकिन अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले गए आखिरी टेस्ट मैच में पंत ने 118 गेंदों पर 101 रन की शतकीय पारी खेली. आपको शतक पंत ने छक्के के साथ पूरा किया था. ये पारी उनके बल्ले से तब आई, जब टीम दबाव में थी, क्योंकि उनका स्कोर 146-6 था.
इंजमाम उल हक ने अपने यू-ट्यूब चैनल पर कहा, “’रिषभ पंत बेहद शानदार हैं। एक लंबे समय के बाद मैंने ऐसे खिलाड़ी को देखा है, जिस पर दबाव का कोई असर नहीं पड़ता। भले ही 146 पर छह विकेट गिर गए हों, लेकिन जिस तरह से पंत अपनी पारी की शुरुआत करते हैं, वैसे कोई भी नहीं करता. वह अपने स्ट्रोक बखूब खेलते हैं. उन्हें फर्क नहीं पड़ता कि पिच कैसे ही या सामने वाली टीम ने कितने स्कोर खड़ा किया है. वह स्पिनरों और तेज गेंदबाजों दोनों के खिलाफ बेहतरीन खेलते हैं. मुझे उसे खेलते गुए देख अच्छा लगा. ऐसा लगा कि जैसे में वीरेंद्र सहवाग को बाएं हाथ से बल्लेबाजी करते हुए देख रहा हूं.”
इंजमाम ने कहा कि सहवाग की तरह पंत अपनी ताकत का समर्थन करते हैं और उन्हें अन्य कारकों के बारे में परेशान नहीं किया जाता है. पंत अपने दृष्टिकोण में निडर हैं और उन्होंने हाल के दिनों में सही संतुलन हासिल किया है.
“’मैंने सहवाग के साथ खेला है और वह भी अन्य चीजों से परेशान होते थे. जब वह बल्लेबाजी करते थे तो उनके लिए यह मायने नहीं रखता था कि पिच कैसा व्यवहार करती है या प्रतिद्वंद्वी का किस तरह का गेंदबाजी आक्रमण है. उन्हें बस अपने स्ट्रोक खेलने होते थे, चाहे फील्डिर बाउंड्री पर ही क्यों न हों. सहवाग के बाद मैंने पहली बार ऐसे खिलाड़ी को देखा है, जिसके लिए अपने स्ट्रोक्स के अलावा कुछ मायने नहीं रखता.”
आखिरी मैच में पंत को शतकीय पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. दूसरी ओर, इंग्लैंड की टीम टेस्ट सीरीज को 3-1 से हार गई.