ऑस्ट्रेलिया दौरे पर दुनिया के सबसे खतरनाक तेज गेंदबाजों के सामने अपना टेस्ट डेब्यू करने वाले भारत के युवा सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल को एक वक्त था जब बाउंसर से डर लगा करता था. इस बात का खुलासा खुद शुभनन गिल ने रविवार को किया कि उन्हें पहले बाउंसर बॉल से डर लगता था, मगर फिर अपने डर पर उन्होंने काबू पा लिया.
शुबमन गिल ने बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच में डेब्यू किया था. जहां, उन्होंने पहली इनिंग में 45 व दूसरी इनिंग में 35* रन बनाकर बल्लेबाजी में आत्मविश्वास दिखाया. सिडनी टेस्ट में भी गिल ने अर्धशतक लगाया. फिर आखिरी व फाइनल टेस्ट में गिल ने 328 रनों का पीछा करते हुए 91 रन की बड़ी पारी खेलकर भारत को मजबूत शुरुआत दी थी, जबकि सामने से ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाज विकेट निकालने के लिए बाउंसर पर बाउंसर मार रहे थे.
टूर पर उन्होंने पैट कमिंस, जोश हेजलवुड और मिशेल स्टार्क जैसे गेंदबाजों का सामना किया और 21 साल का यह खिलाड़ी कहीं भी असहज नहीं दिखा. लेकिन अब एक सफल दौरे के बाद शुभमन गिल ने खुद खुलासा किया है कि एक वक्त था जब उन्हें बाउंसर गेंदों से डर लगता था. गिल ने अपनी आईपीएल फ्रेंचाइजी कोलकाता नाइटराइडर्स की वेबसाइट पर कहा,
“जब आपको गेंद लगती है तो आपका डर गायब हो जाता है. आप केवल तभी डरते हो जब तक आपको चोट नहीं लगती, एक बार आपको गेंद लग जाती है तो आपको लगता है कि यह बिल्कुल नॉर्मल है. इसके बाद आपका डर पूरी तरह खत्म हो जाता है.”
“जब मैं युवा था तो मैं बाउंसर से काफी डरा करता था. मैं छाती की ऊंचाई की गेंदों के लिए पहले से ही तैयार हो जाता था. मैं ड्राइव का काफी अभ्यास किया करता था इसलिये मैं स्ट्रेट बल्ले से पुल शॉट खेलने में परिपक्व हो गया.”
शुभमन गिल ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर 6 पारियों में क्वालिटी गेंदबाजों के सामने 51.80 के औसत से 259 रन बनाए. वह भारत के लिए सबसे अधिक रन बनाने वाले चौथे बल्लेबाज रहे.
युवा ओपनर अब अपकमिंग टेस्ट सीरीज में इंग्लैंड के खिलाफ साथी जोड़ीदार रोहित शर्मा के साथ पारी की शुरुआत करेंगे. इस सीरीज की शुरुआत 5 फरवरी से होगी. सीरीज का पहला मैच चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम में खेला जाएगा.