भारत ने हाल में ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में 2-1 से मात देकर ट्रॉफी को रिटेन कर लिया. सीरीज का निर्णायक ब्रिस्बेन में खेला गया था, जिसमें टीम इंडिया ने तीन विकेट से जीत दर्ज कर सीरीज पर कब्जा जमाया. युवा खिलाड़ियों द्वारा किए गए बेहतरीन प्रदर्शन के लिए पूर्व भारतीय बल्लेबाज राहुल द्रविड़ की भी तारीफ हो रही है, मगर दिग्गज ने क्रेडिट लेने से साफ इनकार कर दिया है.
भारत के लिए सबसे सफल बल्लेबाजों में से एक रहे राहुल द्रविड़ ने भले ही संन्यास ले लिया हो, मगर वह आज भी भारतीय क्रिकेट को अपनी सेवा देते रहे. द्रविड़ इंडिया-ए और इंडिया अंडर-19 टीम के कोच रह चुके हैं और इसमें कोई संदेह नहीं है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में युवा खिलाड़ियों को उसी तरह तराशा है, जैसे एक जोहरी हीरे को तराशता है.
भारत ने गाबा टेस्ट में ऐतिहासिक जीत दर्ज की, क्योंकि टीम में विराट कोहली, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, रविंद्र जडेजा, आर अश्विन, ईशांत शर्मा, हनुमा विहारी जैसे दिग्गज क्रिकेटर उस वक्त अंतिम ग्यारह का हिस्सा नहीं थे.
ब्रिस्बेन में भारत चौथी पारी में 328 रनों का पीछा कर रहा था. तब युवा बल्लेबाज शुभमन गिल (91) बनाकर जीत की नींव रखी थी और फिर ऋषभ पंत, चेतेश्वर पुजारा ने भारत को लक्ष्य हासिल करने में अहम भूमिका निभाई.
इस मैच में वॉशिंगटन सुंदर, टी नटराजन, मोहम्मद सिराज, शार्दुल ठाकुर व ऋषभ पंत के प्रदर्शन के लिए राहुल द्रविड़ को क्रेडिट दिया जा रहा है. दरअसल जब भारत ने गाबा टेस्ट के साथ-साथ सीरीज जीती, तो राहुल द्रविड़ सोशल मीडिया पर ट्रेंड होने लगे, तमाम फैंस उन्हें शुक्रिया बोल रहे थे कि उन्होंने युवा खिलाड़ियों को इस स्तर का तैयार किया है कि वह ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में हरा सके. जबकि द्रविड़ का मानना है कि युवा खिलाड़ियों के प्रदर्शन के लिए उन्हें नहीं बल्कि खिलाड़ियों को ही सारा क्रेडिट मिलना चाहिए.
जब इंडियन एक्सप्रेस ने राहुल द्रविड़ को भारत की बेंच स्ट्रेंथ को मजबूत बनाने की तारीफ की तो दिग्गज ने कहा, “हाहाहा… मुझे बिना मतलब क्रेडिट मिल रहा है। सारी तारीफ खिलाड़ियों की होनी चाहिए.”
मोहम्मद सिराज, हनुमा विहारी, नवदीप सैनी, वॉशिंगटन सुंदर, पृथ्वी शॉ, शुभमन ने भारतीय सीनियर टीम में शामिल होने से पहले द्रविड़ की गाइडेंस में क्रिकेट खेला है.