शनिवार, 15 अगस्त को टीम इंडिया के पूर्व महेंद्र सिंह धोनी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर से अपने संन्यास का ऐलान कर दिया. धोनी के संन्यास के बाद सोशल मीडिया पर काफी ज्यादा प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही है. भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर का तो ऐसा मानना है कि बतौर कप्तान आईसीसी की तीन ट्रॉफी जीतने का रिकॉर्ड धोनी के नाम पर हमेशा दर्ज रहेगा.
साल 2007 में धोनी को दक्षिण अफ्रीका में खेले गये पहले टी-20 विश्व कप के दौरान भारत का कप्तान बनाया गया था और उस समय टीम के सभी सीनियर खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में धोनी ने जिस कौशल के साथ भारतीय टीम का जिम्मा संभाला था, वह काबिले तारीफ रहा. एक युवा टीम और पहली बार कप्तानी करते हुए एमएस धोनी ने देश को टी-20 चैंपियन बनाया.
2011 के एकदिवसीय विश्व कप को भी भला कौन भूल सकता है. भारत को 28 सालों के बाद दूसरी बार वनडे वर्ल्ड कप जीताने में धोनी का एक बड़ा हाथ रहा. अपनी शानदार कप्तानी के जरिये उन्होंने टीम इंडिया को फाइनल तक पहुंचाने का काम किया और फिर श्रीलंका के खिलाफ निर्णायक मुकाबले में नाबाद 91 रनों की पारी खेल, पूरी दुनिया को दिखा दिया कि धोनी किसी से भी कम नहीं है.
2013 में इंग्लैंड के मैदानों पर खेली गयी आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में धोनी ने एक बार फिर से अपनी चतुर कप्तानी के कौशल का बेहतरीन परिचय दिया और फाइनल में मेजबान इंग्लैंड को धूल चटाई. इसी के साथ महेंद्र सिंह धोनी विश्व के पहले ऐसे कप्तान भी बने, जिन्होंने आईसीसी की तीनों ट्रॉफी जीतकर इतिहास रचा हो.
गौतम गंभीर ने भी धोनी की कप्तानी के दौरान एक अहम किरदार निभाया. श्रीलंका के खिलाफ 2011 विश्व कप फाइनल में 275 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए 97 रन और फिर 2007 के टी20 विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ खेली गयी 75 रनों की. गंभीर ने भी धोनी की कप्तानी में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज का ऐसा मानना है कि भले ही धोनी ने अन्य रिकॉर्ड टूट जाए, लेकिन बतौर कप्तान आईसीसी की तीन ट्रॉफी जीतने का उनका रिकॉर्ड कभी नहीं टूटेगा. गंभीर ने स्टार स्पोर्ट्स के कार्यक्रम क्रिकेट कनेक्टेड में कहा कि ”यदि धोनी के किसी एक रिकॉर्ड जो हमेशा यादगार रहने वाला हैं वह तीनों आईसीसी ट्रॉफी है. मुझे नहीं लगता कि किसी भी कप्तान के लिए इसे हासिल करना आसान होगा.”
गंभीर ने आगे कहा, “मुझे नहीं लगता कि कोई अन्य कप्तान कभी भी वह हासिल कर पाएगा. मुझे लगता है, चाहे वह टी 20 विश्व कप हो, चाहे वह आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी या 2011 विश्व कप हो. मुझे लगता है कि कुछ ऐसा है जो रहने वाला है. हमेशा के लिए, और मैं शर्त लगा सकता हूं, वह हमेशा के लिए रहने वाला है.’’
धोनी को हमेशा सामने से टीम का नेतृत्व करने के लिए जाने जाते थे, मुश्किल हालातों में भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपने शांत स्वभाव से एकदम सही फैसले लिए, जिससे टीम को बड़ी मदद मिली. धोनी ने तीनों प्रारूपों में 332 मैचों में भारत का नेतृत्व किया जिसमें टीम ने 178 जीते और 120 हारे. पूर्व कप्तान का जीत प्रतिशत 53.61 था.
Written by: अखिल गुप्ता
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