घरेलू क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ी रजत भाटिया ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास का ऐलान कर दिया. पेशे से ऑलराउंडर रजत भाटिया अब बायोमैकेनिक्स में अब अपना करियर बनाएंगे. सन 1999 में अपने फर्स्ट क्लास करियर का आगाज करने वाले रजत ने काफी लंबे समय तक घरेलू क्रिकेट खेला.
रजत भाटिया ने दिल्ली के लिए अपना डेब्यू किया था, इसके बाद वह तमिलनाडु और उत्तराखंड के लिए भी खेले. आईपीएल में भी 40 वर्षीय रजत भाटिया का खासा नाम देखने को मिला. सीधे शब्दों में अगर यह कहा जाए कि वह आईपीएल के एक पॉपुलर चहरें रहे तो बिल्कुल भी गलत नहीं होगा.
बताते चलें, कि रजत भाटिया ने उत्तराखंड के लिए 2018-19 में आखिरी बार रणजी ट्रॉफी में हिस्सा लिया था. 2019-20 के रणजी सीजन में रजत भाटिया को टीम में जगह नहीं दी गई है. 2017 के बाद से रजत ने आईपीएल भी नहीं खेला है.
भाटिया ने आईएएनएस से कहा, ‘’हां, मैंने सुबह ही क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने का फैसला किया है. मैंने बीसीसीआई को और डीडीसीए को मेल भेजकर इस बात की जानकारी दे दी है.’’
रजत भाटिया ने क्रिकेट को अलविदा कहने का फैसला खुद के लिए आसाना बताया. भाटिया ने कहा, ‘’मैं बायोमैकेनिक्स में करियर बनाना चाहता हूं. जब उत्तराखंड की टीम में जगह नहीं मिली तो मैं तय किया यह मेरे लिए आगे बढ़ने का अच्छा मौका है. मैंने अमेरिका बायोमैकेनिक्स का कोर्स किया और मेरी पेन मैनेजमेंट में ट्रेनिंग हुई है.’’
रजत भाटिया ने कुल 112 फर्स्ट क्लास मैच खेले और 49.10 की औसत से 6482 रन बनाने में कामयाब हुए, जबकि 137 विकेट अपनी झोली में डाले. फर्स्ट क्लास में रजत के नाम पर 17 शतक भी दर्ज रहे. वहीं 119 लिस्ट ए मैचों में उनके बल्ले से 41 की औसत के साथ 3038 रन देखने को मिले और वह 93 विकेट लेने में भी कामयाब हुए. लिस्ट ए में रजत ने तीन शतक और 19 अर्धशतक भी जमाए.
आईपीएल में 40 वर्षीय ऑलराउंडर ने चार फ्रेंचाइजी से क्रिकेट खेला और 2012 में केकेआर के लिए ट्रॉफी भी जीती. भाटिया ने 95 आईपीएल मैच खेले और 120.42 के स्ट्राइक रेट के साथ 342 रन बनाये, जबकि 28.45 की औसत के साथ 71 विकेट लेने में कामयाब हुए. आईपीएल में उनका सबसे बढ़िया प्रदर्शन 4/15 का देखने को मिला.
भाटिया ने कहा, ‘’मैं सितंबर 2019 में संन्यास लेने वाला था, क्योंकि मैं पिछले साल घरेलू क्रिकेट नहीं खेल रहा था. लेकिन मैंने सोचा कि मैं बांग्लादेश में पेशेवर क्रिकेट खेल रहा हूं तो थोड़ा इंतजार कर सकता हूं, लेकिन फिर चीजें बदलीं और मुझे पता चला कि वह अब और कोई पेशेवर खिलाड़ी नहीं ले रहे हैं.’’
उन्होंने कहा, ”इसलिए मुझे लगा कि यह संन्यास लेने का सबसे सही समय है, क्योंकि यह मेरे लिए विशेष दिन है, आज मेरी बेटी का जन्मदिन है. इसलिए मैंने फैसला किया कि मैं उस दिन यह फैसला लेता हूं जिसे मैं याद रख सकूं.”
Written by: अखिल गुप्ता
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