चेतेश्वर पुजारा को भारतीय टेस्ट टीम की रीढ़ की हड्डी माना जाता है. पुजारा ने हाल में ही खत्म हुई ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज में भारत को जीत दिलाने के लिए कंगारु गेंदबाजों की कई गेंदें अपने शरीर पर खाईं. इस सीरीज में पुजारा ने 928 गेंदों का सामना किया और 271 रन बनाए.
33 साल के पुजारा ने आखिरी के दो टेस्ट मैचों में शानदार प्रदर्शन (50, 77 तथा 25, 56 रन) का स्कोर किया. ब्रिस्बेन टेस्ट में 328 रन चेज कर भारत ने इतिहास रचा था. आखिरी मैच में पुजारा ने लगभग तीन घंटे बल्लेबाजी की थी और शुभमन गिल (91) और फिर ऋषभ पंत को एक छोर से उनका स्वाभाविक आक्रामक खेलने की आजादी दी थी. आखिर में पुजारा 211 गेंद खेलकर 56 रन पर आउट हो गए, मगर वह मैच को उस स्थिति में छोड़ कर पवेलियन गए, जहां से जीत नजर आने लगी थी.
पुजारा ने स्पोर्ट्स टुडे से बातचीत के दौरान अपने बयान में कहा, ‘’2017 में भारत में नाथन लॉयन को खेलने में मुझे परेशानी हो रही थी, तब अनिल कुंबले ने मेरी मदद की थी. ‘इस बार एडिलेड टेस्ट के बाद भी कुंबले ने टिप्स सुझाए थे, जो मेरे काम आए. उन्होंने मुझे मैसेज कर लियोन से निपटने की तरकीब सुझाई थी. और यह सलाह शानदार रही.’’
दुनिया के महान लेग स्पिनरों में शुमार अनिल कुंबले ने लियोन की फिरकी से निपटने के लिए खास टिप्स दिए थे, क्योंकि एक स्पिनर होने के नाते कुंबले लियोन की गेंदबाजी को अच्छी तरह पढ़ पाते थे. लॉयन ने चेतेश्वर पुजाराको 10 बार आउट किया है, लेकिन 2017 में जबसे कुंबले ने उन्हें स्पिन खेलने की ट्रिक बताई उसके बाद 2018 से लेकर अब तक सिर्फ 3 बार ही पुजारा ने नाथन को अपना विकेट दिया है.
इस टूर पर सिडनी टेस्ट में 205 बॉल्स पर 77 रन बनाए थे और मैच को ड्रॉ तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. ब्रिस्बेन टेस्ट में जब भारत 328 रनों का पीछा करने उतरा, तब चेतेश्वर पुजारा कंगारु गेंदबाजों की गेंद शरीर पर खाते हुए भी पिच पर टिके रहे. इस दौरान कभी बॉल उनके सिर पर लगी, तो कभी हाथ और कभी कोहनी पर लगी. आखिर में पुजारा 56 रन बनाकर जोश हेजलवुड की गेंद पर क्लीन बोल्ड हो गए थे. मगर पिच पर टिककर पुजारा ने युवा बल्लेबाज शुभमन गिल, ऋषभ पंत को आक्रामक बल्लेबाजी करने की आजादी दी थी और दूसरे छोर से खुद डिफेंसिव खेल रहे थे, ताकि भारत के हाथ से विकेट ना जाने पाए.
अब भारत को इंग्लैंड के साथ चार मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है. पहला मुकाबला 5 फरवरी को चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम में खेला जाएगा. हर कोई पुजारा से एक और बेहतरीन सीरीज की उम्मीद करेगा, क्योंकि वह भारतीय टीम के सबसे अनुभवी बल्लेबाज हैं और उनके मैदान पर होने पर विपक्षी टीम पर दबाव साफ नजर आता है.
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