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जब विराट कोहली ने नहीं खेली बड़ी पारी, अजिंक्य रहाणे बढ़ाते हैं कदम : एमएसके प्रसाद

टीम इंडिया के पूर्व चयनकर्ता एमएसके प्रसाद का कहना है कि जब भी कप्तान विराट कोहली ने बड़ी पारी नहीं खेली है, तो टीम के उप-कप्तान अजिंक्य रहाणे ने कदम बढ़ाया है. रहाणे ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में 112 रनों की शानदार पारी खेली थी, जब विराट कोहली भारत लौट आए थे.

ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पहले टेस्ट मैच में भारतीय टीम 36 रन के मामूली स्कोर पर ऑलआउट हो गई थी. सीरीज में 0-1 पर था. हालांकि, रहाणे ने कोहली की अनुपस्थिति में आगे बढ़कर नेतृत्व किया और अपनी टीम को महत्वपूर्ण मैच जीतने में मदद करने के लिए एक महत्वपूर्ण पारी खेली.

रहाणे भारत के मध्य क्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और वह सबसे महत्वपूर्ण बल्लेबाजों में से एक हैं. वास्तव में, रहाणे का घरेलू परिस्थितियों की तुलना में विदेशी परिस्थितियों में बेहतर रिकॉर्ड है.

प्रसाद ने क्रिकेट डॉट कॉम को बताया, “मुझे लगता है कि वह ऐसे अच्छे खिलाड़ी हैं जिनके साथ शुरुआत की जा सकती है. ये बात सच है कि वह काफी उतार चढ़ाव से होकर गुजरे हैं लेकिन जब कभी भी टीम मुश्किल में होती है, वह हमेशा ही सामने उभरकर आते हैं. उनके अंदर वो क्षमता है. उनका ग्राफ थोड़ा उपर नीचे जरूर रहा लेकिन मुझे नहीं लगता है कि टीम मैनेजमेंट कोई बड़ा बदलाव करने वाली है. वो मजबूती से वापसी करेंगे. वह एक बहुत ही बेहतरीन टीम मैन हैं और उनको हर कोई पसंद करता है. जब कभी भी विराट ने बड़ी पारी नहीं खेली तो इस इंसान ने आगे बढ़कर सबकुछ संभाला. हमें इस बात को भी नहीं भूलना चाहिए कि कैसे उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में बतौर कप्तान जिम्मेदारी निभाई वो भी तब जबकि काफी सारे सीनियर खिलाड़ी वहां मौजूद नहीं थे”

प्रसाद ने कहा, “वह एक स्थापित खिलाड़ी हैं और उनका विदेशी सरजमीं पर रिकॉर्ड बाकी भारतीय खिलाड़ियों की तुलना में काफी अच्छा है. घर पर भले ही वह थोड़ा बहुत संघर्ष करते हैं. हमे उनके उपर बिना मतलब के दबाब नहीं बनाना चाहिए.”

प्रसाद ने कहा कि चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे जैसे टेस्ट विशेषज्ञ बल्लेबाज भारतीय टीम के सच्चे सिपाही हैं क्योंकि उन्होंने पिछले 6-7 सालों में टीम की सेवा की है.

“पुजारा के लिए भी वही बात है कि उनके उपर भी बिना मतलब के दबाव नहीं बनाना चाहिए. क्योंकि रहाणे या फिर पुजारा जैसे खिलाड़ी सच्चे सिपाही हैं जिन्होंने भारतीय क्रिकेट की कई सालों से इस लंबे फॉर्मेट में सेवा की है. हमें इन सभी खिलाड़ियों का समर्थन करना चाहिए.”

“ऐसी प्रतिभा को कभी भी किनारा नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि ये सभी साबित मैच विनर और एक संपूर्ण खिलाड़ी हैं. रहाणे इस टीम में सबसे ज्यादा अहम खिलाड़ी हैं. वह टीम के लिए बल्लेबाजी करने के लिए किसी भी जगह जा सकते हैं.”

डब्ल्यूटीसी फाइनल 18 जून से साउथेम्प्टन के एजेस बाउल में शुरु होगा.

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