भारत के विकेटकीपर बल्लेबाज केएल राहुल ने टेस्ट क्रिकेट के महत्व पर बातचीत की है. ऋषभ पंत व रिद्धिमान साहा की गैरमौजूदगी में राहुल ने डरहम में काउंटी सिलेक्ट इलेवन के खिलाफ प्रैक्टिस मैच में विकेटकीपिंग दस्तानों की जिम्मेदारी संभाली और एक अच्छा शतक बनाया. उनका कहना है कि रेड-बॉल फॉर्मेट में रन बनाने से वह काफी खुश हैं.
सीमित ओवर क्रिकेट में राहुल लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन भारत की टेस्ट टीम से पिछले काफी वक्त से बाहर चल रहे हैं. उन्होंने आखिरी बार 2019 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला था और तब से उन्होंने राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व नहीं किया है.
रोहित शर्मा, मयंक अग्रवाल और शुभमन गिल जैसे खिलाड़ी शीर्ष क्रम में अपने मौके को भुनाने में सफल रहे हैं और इस तरह राहुल टेस्ट टीम का हिस्सा होने के बावजूद उन्हें प्लेइंग इलेवन में मौका नहीं मिल सका.
केएल राहुल ने BCCI.TV से बात करते हुए कहा, “टेस्ट क्रिकेट में रन बनाना हमेशा अच्छा होता है. मुझे रेड बॉल क्रिकेट खेले हुए कुछ समय हो गया है. यह आपको न केवल क्रिकेट में बल्कि जीवन के लिए भी कई महत्वपूर्ण सबक और मूल्य सिखाता है. यह आपमें सर्वश्रेष्ठ को बाहर लाता है. इसलिए टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले और देखने वाले सभी लोगों के लिए हमेशा नंबर-1 रहेगा.”
दूसरी ओर, राहुल ने 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ ओवल टेस्ट मैच में शानदार शतक बनाया था. दाएं हाथ के बल्लेबाज ऋषभ पंत के साथ मजबूत हो रहे थे, जिन्होंने शानदार शतक भी बनाया था. राहुल को लगता है कि वे उस टेस्ट मैच को जीत सकते थे अगर दोनों ने एक घंटे और बल्लेबाजी की होती.
केएल राहुल ने कहा, “मुझे याद है कि ओवल पूरी सीरीज में हमें मिली सर्वश्रेष्ठ बैटिंग पिच थी. मेरे दिमाग में, मुझे यह भी पता था कि यह सीरीज का आखिरी गेम था और मैंने सीरीज में वास्तव में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था. यह सच है कि मुझे अगली सीरीज में मौका नहीं मिलता, इसलिए मैं इसे भुनाना चाहता था और अपनी बल्लेबाजी का आनंद लेना चाहता था. उस पारी के दौरान मेरे दिमाग में आजादी की भावना थी.”
“अगर ऋषभ और मैं एक घंटे और बल्लेबाज करते, तो हम मैच जीत सकते थे. वह ऐतिहासिक होता. वह केक पर आइसिंग जैसा होता, लेकिन मैं अभी भी ओवल को अपने दिल के बहुत करीब रखता हूं.”
भारत और इंग्लैंड के बीच पहला टेस्ट मैच 4 अगस्त से नॉटिंघम के ट्रेंट ब्रिज में खेला जाएगा.