टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली को उनके बेपाक और बेखौफ अंदाज के लिए जाना जाता है. सौरव गांगुली ने कहा है कि वह अभी भी टेस्ट क्रिकेट में रन बना सकते हैं, बस उनको तीन महीने की ट्रेनिंग और तीन रणजी मैच खेलने की जरूरत होगी. पूर्व भारतीय कप्तान के नुताबिक वह अभी भी टेस्ट क्रिकेट में रन बनाने के लिए पूरी तरह से फिट हैं, बस ट्रेनिंग के लिए उन्हें कुछ समय जरुर चाहिए होगा.
सौरव गांगुली ने सन 1996 में अपने टेस्ट करियर का आगाज किया था और पहले ही मैच में इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स के मैदान पर शतक लगाया था. टेस्ट डेब्यू के साथ साथ सौरव ने अपने दूसरे टेस्ट मैच में भी शतकीय पारी खेली थी.
सौरव गांगुली ने 1996 से लेकर साल 2008 तक भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेला और साल 2011 में उनको अंतिम बार फर्स्ट क्लास मैच खेलते देखा गया था. सौरव गांगुली भारत के बड़े मैच विनर खिलाड़ियों में से एक रहे और अपने दम पर उन्होंने टीम इंडिया को अनगिनत मुकाबले भी जीताये.
बंगाली न्यूज पेपर ‘संबाद प्रतिदिन’ को दिए इंटरव्यू में गांगुली ने यह बात कही. उन्होंने कहा, ‘अगर मुझे दो और वनडे इंटरनैशनल सीरीज खेलने को मिलती, तो मैं और रन बना सकता था. अगर मैं नागपुर टेस्ट में रिटायर नहीं होता तो मैं आगे की दो टेस्ट सीरीज में रन बना सकता था. इतना ही नहीं अभी भी मुझे छह महीने ट्रेनिंग के दीजिए और तीन रणजी मैच खेलने दीजिए, मैं टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए रन बना लूंगा. मुझे छह महीने भी नहीं चाहिए, मुझे बस तीन महीने दीजिए. मैं रन बना लूंगा.’
उन्होंने कहा, ‘आप मुझे खेलने का मौका भले ना दें, लेकिन आप मेरे अंदर से वो विश्वास कैसे तोड़ेंगे कि मैं खेल सकता हूं?’
बताते चले कि 2007 में सौरव गांगुली को अचानक से भारतीय वनडे टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था. वनडे टीम से ड्रॉप होने वाली बात पर दादा ने कहा, ‘यह अविश्वसनीय था, कैलेंडर ईयर में सबसे ज्यादा रन बनाने वालों की लिस्ट में शामिल होने के बावजूद मुझे वनडे टीम से ड्रॉप कर दिया गया था. कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितना अच्छा खेलते हैं, लेकिन अगर आप से मंच ही छीन लिया जाए, तो आप साबित कैसे करेंगे और किसको साबिक करेंगे? ऐसा ही कुछ मेरे साथ हुआ था.’
सौरव गांगुली के करियर के अंतिम कुछ साल काफी उतार चढ़ाव वाले रहे. साल 2005 में ग्रेग चैपल के कोच बनाये जाने के बाद सौरव गांगुली को कप्तानी के पद से हटा दिया गया था और उसके कुछ समय बाद उनको टीम से भी ड्रॉप कर दिया गया. 2006 में गांगुली ने दक्षिण अफ्रीका दौरे पर टीम में वापसी की और अच्छा खेल भी दिखाया. सचिन तेंदुलकर तक ने तब कहा था कि उन्होंने गांगुली का बेस्ट अभी देखा है.
उसके बाद 2007 में सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ को वनडे टीम से ड्रॉप कर दिया गया और अगले ही साल दादा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर से संन्यास का ऐलान कर दिया. इसके बाद वह बंगाल और आईपीएल में खेलते रहे.
सौरव गांगुली ने 113 टेस्ट मैचों में 42.17 की औसत के साथ 7212 रन बनाये, जिसमें 16 शतकीय पारी दर्ज रही, जबकि 311 वनडे मैचों में गांगुली ने 41.02 की औसत के साथ 11363 रन बनाये और 22 शतक लगाने में कामयाब रहे.
Written By: अखिल गुप्ता