भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा का कहना है कि यदि भविष्य में दो भारतीय टीमें एक ही समय पर खेलती नजर आती हैं, तो इसमें कोई हैरानी की बात नहीं होगी. हाल ही में भारत के मुख्य कोच रवि शास्त्री व विराट कोहली ने कोविड-19 के दौर में वर्कलोड और क्वारेंटीन प्रक्रिया के साथ-साथ यात्रा संबंधी के कारण दो अलग-अलग टीमों के अलग-अलग फॉर्मेट में खेलने पर विचार किया.
इस बीच, भारत ने हाल के दिनों में युवा खिलाड़ियों की एक फौज तैयार की है, जिन्होंने अपने मौके को दोनों हाथों से भुनाया है. इस प्रकार, भारतीय टीम के पास एक शक्तिशाली बेंच स्ट्रेंथ है इसलिए वे एक ही समय में दो टीमों के साथ खेल सकते हैं.
चोपड़ा ने अपने यूट्यूब चैनल पर बोलते हुए कहा, “विराट कोहली ने कहा कि बायो-बबल की वजह से मेंटल इश्यू हो रहा है. इसलिए हैरानी नहीं होनी चाहिए अगर दो इंडियन टीम रेगुलर तौर पर एक साथ खेलते हुए नजर आएं. विराट कोहली ने काफी अहम बात कही और रवि शास्त्री ने भी उसका समर्थन किया. ये एक सच्चाई है. पहले लोग इस बारे में बात नहीं करते थे लेकिन अब खुलकर चर्चा कर रहे हैं. अब ऐसी कोई बात नहीं रह गई है कि अगर कोई मेंटल इश्यू के बारे में बात करता है तो वो वीक है.”
वास्तव में, बायो बबल में जीवन भी खिलाड़ियों के लिए आसान नहीं होता है और मानसिक रूप से प्रभावित होता है. हाल ही में, राजस्थान रॉयल्स के बल्लेबाज लियाम लिविंगस्टोन ने बबल के भीतर होने वाली थकान के कारण आईपीएल 2021 से नाम वापस ले लिया था, जबकि आंद्रे रसेल ने भी स्वीकार किया कि बायो बबल खिलाड़ियों पर मानसिक प्रभाव डालता है.
चोपड़ा ने कहा कि बायो बबल के अंदर खेल से स्विच ऑफ करना आसान नहीं है क्योंकि आप कहीं नहीं जा सकते.
चोपड़ा ने कहा, “कोहली ने कहा है कि जब आप बायो-बबल में होते हैं, तो वास्तव में खेल से अलग होने का कोई तरीका नहीं है. आप कहीं भी बाहर नहीं जा सकते, आप स्विच ऑफ करना चाहते हैं लेकिन ऐसा नहीं होता है.”
“आप उन्हीं 18-20 लोगों के साथ चलते रहते हैं, बेशक यहां आप परिवार और टीम के साथ रहते हैं, लेकिन समय के साथ इस पर टैक्स लगता है क्योंकि बचने का कोई रास्ता नहीं है. इसलिए, मानसिक स्वास्थ्य एक प्राथमिकता है और उसके कारण आप दो अलग-अलग टीमों को कई बार खेलते हुए देखेंगे क्योंकि आपको खिलाड़ियों को नियमित रूप से आराम करने की आवश्यकता होगी.”