भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज खिलाड़ी युवराज सिंह ने पिछले साल जून में संन्यास का ऐलान किया। तो वहीं अब महेंद्र सिंह धोनी ने 15 अगस्त को संन्यास का ऐलान कर दिया। मगर अब टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज अजीत अगरकर ने स्वीकार किया है कि एमएस धोनी और युवराज सिंह की जोड़ी ने वनडे क्रिकेट में स्कोर को चेज करने का तरीका ही बदल दिया।
महेंद्र सिंह धोनी और युवराज सिंह की मध्य क्रम की विस्फोटक जोड़ी ने सालों क्रिकेट पर राज किया। विश्व कप 2011 में मिली खिताबी जीत में भी इस जोड़ी की अहम भूमिका रही। इसके अलावा भी इस मैच विनर जोड़ी ने भारत को कई बड़ी-बड़ी जीत दिलाईं। अब अजीत अगरकर ने कहा, “धोनी और युवराज ने वनडे क्रिकेट में चेस करने का तरीका बदल दिया है। उन्होंने दूसरी पारी में शानदार खेला दिखाया जिन्हें देखकर अन्य टीमें भी टॉस जीतने के बाद चेस करना पसंद करने लगी।”
साथ ही अगरकर ने एमएस धोनी की 183* रन वाली सर्वश्रेष्ठ वनडे इनिंग को याद किया। “साल 2005 में जयपुर में श्रीलंका के खिलाफ धोनी के द्वारा खेली गई 183 रनों की नॉट आउट पारी और उसके बाद लाहौर में पाकिस्तान के खिलाफ चेस करते हुए ( साल 2006 ) उनकी पारी आज भी याद है। श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 4 विकेट पर 298 रनों का टोटल रखा था, जिस मैच में धोनी तीन नम्बर पर बल्लेबाजी करने उतरे और आसानी से भारत को मैच जिता दिया। जिसके बाद ड्रेसिंग रूम में सभी पागल हो गए थे जब उन्होंने छक्के मारने शुरू किए। जबकि लाहौर में भी पाकिस्तान ने 288 रनों का लक्ष्य रखा था और धोनी (72 नाबाद रन) ने उस मैच को अपने अंदाज में खत्म किया था। इस मैच में उन्होने युवराज के साथ काफी लम्बी साझेदारी निभाई थी।”
धोनी का दूसरा अंतरराष्ट्रीय शतक 2005 में श्रीलंका के खिलाफ खेली। जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम पर खेले गए वनडे मैच में श्रीलंका की टीम ने भारत को 299रनों का विशाल लक्ष्य दिया था। जिसका पीछा करने उतरी टीम इंडिया की तरफ से एमएस धोनी ने 145 गेंदों पर 10 छक्के व 15 चौकों की मदद से 183* रन की जबरदस्त पारी खेली थी।
बताते चलें, युवराज सिंह व महेंद्र सिंह धोनी की जोड़ी मैदान पर विपक्षी गेंदबाजों के लिए बेहद खतरनाक हुआ करती थी। दोनों ने 67 वनडे मैचों में पार्टनरशिप की और 3105 रन बनाए। जिसमें 10 शतकीय व 13 अर्धशतकीय साझेदारियां रही।
Written by: अखिल गुप्ता