ऑस्ट्रेलिया-भारत के बीच आखिरी व फाइनल टेस्ट मैच में भारत के ज्यादातर खिलाड़ियों के चोटिल होने के चलते टीम युवा खिलाड़ियों से बनी थी. तीसरे व चौथे मैच में कप्तान अजिंक्य रहाणे पांच-पांच गेंदबाजों के साथ मैदान पर उतरे थे, क्योंकि इससे पहले टीम के गेंदबाज चोटिल हुए थे, जिसके चलते गेंदबाजी इकाई को संघर्ष करना पड़ा था.
गाबा टेस्ट मैच में एक वक्त ऐसा आया था जब युवा तेज गेंदबाज अपने डेब्यू मैच में बल्लेबाजी कर रहे थे और उनके सामने थे विश्व के सबसे खतरनाक गेंदबाजों में से एक मिचेल स्टार्क, उस वक्त कप्तान अजिंक्य रहाणे ने पारी घोषित करना चाहते थे. इसका खुलासा ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन व फील्डिंग कोच आर श्रीधर ने किया है.
आर श्रीधर के यू-ट्यूब चैनल पर बातचीत करते हुए रविचंद्रन अश्विन ने कहा,”वो ओवर जब नटराजन के सामने गेंदबाजी पर मिशेल स्टार्क थे तो टीम मैनेजमेंट के लिए वो नर्वस मूमेंट थे. यहां तक की कप्तान नटराजन के चोटिल होने के डर से चाहते थे कि भारत उनकी बल्लेबाजी से पहले ही पारी घोषित कर दे.”
श्रीधर इसपर आगे बताया, “कप्तान तुरंत ही कोचिंग स्टाफ के रूम में आए और बोले कि क्या हमें अब पारी घोषित कर देनी चाहिए. अगर उसे चोट लग गई तो हमारे पास दूसरी पारी में गेंदबाजी के लिए केवल तीन बॉलर ही बचेंगे.”
इसपर अश्विन ने कहा, “कप्तान के लिए यही समस्या थी. अगर वो खुद और रोहित शर्मा गेंदबाजी कर पाते तो अच्छा रहता.”
टी नटराजन ने आईपीएल में अपनी यॉर्कर गेंदों से सभी को अपनी ओर आकर्षित किया था. सीमित ओवर में बेहतरीन गेंदबाजी करने के बाद भले ही नटराजन टेस्ट टीम का हिस्सा नहीं थे, मगर उन्हें ऑस्ट्रेलिया में ही रोक लिया गया था और जब आखिरी मैच में जसप्रीत बुमराह, रविचंद्रन अश्विन, रविंद्र जडेजा व हनुमा विहारी चोट के चलते नहीं खेल पाए, तब नटराजन को टेस्ट में डेब्यू करने का मौका भी मिला.
यॉर्कर गेंदों के धनी तेज गेंदबाज नटराजन ने अपने डेब्यू मैच में 3 विकेट झटके थे. नटराजन एक दौरे पर तीनों फॉर्मेट में डेब्यू करने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने. उन्होंने वनडे में एक मैच में दो विकेट लिए, वहीं उन्होंने T20I सीरीज में 23 के औसत से सात विकेट लिए और सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज बने.
भारतीय क्रिकेट टीम अब इंग्लैंड के खिलाफ चार मैचों की टेस्ट सीरीज खेलने मैदान पर उतरेगी. 5 फरवरी को टेस्ट सीरीज का पहला मैच चेन्नई के चैपाक स्टेडियम में होगा.