प्रतियोगिताओं में टीमें तो आपस में प्रतिस्पर्धा करती ही हैं, मगर खिलाड़ियों के बीच भी अलग ही स्तर का कॉम्पटीशन देखने को मिलता है. हाल ही में खत्म हुई विजय हजारे ट्रॉफी में पृथ्वी शॉ और देवदत्त पडिक्कल ने कमाल का प्रदर्शन किया और दोनों ही खिलाड़ियों ने जमकर रन बनाए. आखिर में मुंबई ने फाइनल में उत्तर-प्रदेश की टीम को हराकर खिताब जीत लिया.
मुंबई के सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ ने 8 मैचों में 4 शतक लगाते हुए 827 रन बनाए, जिसमें एक दोहरा शतक भी शामिल था. दाएं हाथ के बल्लेबाज ने 165.40 की औसत से और 138.29 की शानदार स्ट्राइक रेट से अपने रन बनाए. मयंक अग्रवाल के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए शॉ अब विजय हजारे के एक सीजन में सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज बन गए हैं. 2018 में मयंक ने 723 रन बनाकर ये रिकॉर्ड अपने नाम किया था.
दूसरी ओर, देवदत्त पडिक्कल ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और टूर्नामेंट में 737 रन बनाए. देवदत्त ने कमाल की बल्लेबाजी करते हुए बैक टू बैक चार शतक जड़े. वह लिस्ट एक क्रिकेट में लगातार चार शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज बन गए.
हालांकि, इन दोनों खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन के बावजूद, उन्हें इंग्लैंड के साथ तीन मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला के लिए राष्ट्रीय चयनकर्ताओं द्वारा नजरअंदाज किया गया. पडिक्कल ने खुलासा किया कि पृथ्वी शॉ ने उन्हें प्रोत्साहित किया.
देवदत्त पडिक्कल ने न्यूज़ 18 से बात करते हुए कहा, “पृथ्वी बहुत अच्छी फॉर्म में हैं. वह खास खिलाड़ी हैं. वह मुझे भी लगातार प्रोत्साहित करते रहे. हम दोनों ही एक-दूसरे को आगे बढ़ाते रहे. हम वास्तव में एक दूसरे को पुश कर रहे थे. आपके आसपास उच्च स्तर की प्रतियोगिता होना अच्छा है. यह आपको बेहतर बनाता है. आखिरकार, यह आपकी टीम को भी मदद करेगा. यह टूर्नामेंट के भीतर चल रही हमारे बीच एक बहुत ही अच्छी प्रतिस्पर्धा थी.”
पडिक्कल ने कहा कि राष्ट्रीय चयन उसके हाथ नहीं है और वह अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करता है जब भी वह प्रशिक्षण सत्रों में मैदान में उतरता है और साथ ही मैचों में सुधार करने का लक्ष्य रखता है।
”पिछले दो तीन साल में मैंने यही सीखा है कि चयन की परवाह किए बगैर रन बनाने हैं. चयन मेरे नियंत्रण में नहीं है. मैं हर रोज अपने खेल को बेहतर करता हूं. मैं अपने खेल पर फोकस कर रहा हूं. शायद दो-तीन साल पहले, मैं चयन के बारे में बहुत सोचता था, टीम में रहा और सामान भी। पिछले कुछ वर्षों में, मैंने सीखा है कि जहां भी मैं खेल रहा हूं, अपने खेल पर ध्यान देना और रन बनाना जारी रखना महत्वपूर्ण है. यह किस टीम, फ्रेंचाइजी क्रिकेट या घरेलू क्रिकेट के लिए महत्वपूर्ण नहीं है. मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि मैं रन बनाना जारी रखूं, अपनी टीम को जीत दिलाऊं. आखिरकार, जब मैं वहां पहुंचूंगा तो यह बहुत अच्छा होगा.”
इंडियन प्रीमियर लीग के 13वें सीजन में देवदत्त पडिकल्ल ने बैक टू बैक तीन अर्धशतक लगाए थे और वह उन्होंने टीम को प्ले ऑफ में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी. पडिक्कल ने 15 मैचों में 31.53 के औसत और 124.80 के स्ट्राइक रेट से 473 रन बनाए थे. वह अब 9 अप्रैल से शुरु होने वाले आगामी आईपीएल सीजन में एक बार फिर फ्रेंचाइजी के लिए अपने पिछले प्रदर्शन को दोहराना चाहेंगे.
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर 9 अप्रैल को चेन्नई के चेपाक स्टेडियम में पिछले साल की चैंपियन मुंबई इंडियंस के खिलाफ अपने आईपीएल 2021 अभियान की शुरुआत करेगी.
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