भारत को इंग्लैंड के साथ टेस्ट सीरीज खेलनी है. जिसकी शुरुआत 4 अगस्त से होगी. पूरा क्रिकेट जगत इस सीरीज को लेकर काफी उत्साहित है और इस बड़ी सीरीज पर लगातार चर्चा हो रही है. इंग्लैंड के पूर्व कप्तान एलिस्टेयर कुक ने कहा है कि भारत के पास विश्व स्तरीय बल्लेबाजी इकाई है लेकिन स्विंग गेंद के खिलाफ खेलना उनकी कमजोरी है.
भारतीय बल्लेबाजी क्रम में अनुभवी बल्लेबाज हैं लेकिन वे इंग्लैंड की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में स्विंग के खिलाफ संघर्ष करते हैं. भारत डब्ल्यूटीसी फाइनल की दोनों पारियों में केवल 217 और 170 रन ही बना सका. अपने इस प्रदर्शन से भारतीय बल्लेबाज जरुर निराश होंगे. भारत के लिए इंग्लिश कंड़ीशंस में उतरना आसान नीहं होने वाला है, हालांकि उससे पहले उन्हें अच्छी मैच प्रैक्टिस की जरुरत है.
भारत के पास रोहित शर्मा, विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे, चेतेश्वर पुजारा जैसे क्वालिटी बल्लेबाज हैं, जिनके पास अनुभव है और वह मैच को पलटने का दम रखते हैं. मगर न्यूजीलैंड के खिलाफ इन सभी बल्लेबाजों ने उम्मीद के अनुसार प्रदर्शन नहीं किया.
इंग्लैंड की स्विंगिंग परिस्थितियों को खेलने के लिए अपने खेल में शीर्ष पर रहने की जरूरत है, लेकिन भारतीय बल्लेबाजों ने डब्ल्यूटीसी फाइनल में निराशाजनक प्रदर्शन किया था.
कुक ने बीबीसी टेस्ट मैच स्पेशल पॉडकास्ट एपिसोड में कहा, “भारतीय टीम शानदार है, लेकिन गेंद को मूवमेंट मिलने पर इंग्लैंड दबाव बना सकता है. अगस्त में अगर हालात ऐसे रहे और पिच में नमी रहने पर इंग्लैंड का पलड़ा भारी होगा.”
“भारत के पास विश्व स्तरीय बल्लेबाज हैं लेकिन उनकी कमजोरी सीम और स्विंग लेती गेंद है. ऐसे में उन पर दबाव बनाया जा सकता है.”
दूसरी ओर, कुक का मानना है कि डब्ल्यूटीसी फाइनल के लिए अपनी प्लेइंग इलेवन चुनने में भारत ने अति आत्मविश्वास दिखाया. भारत ने मैच से 24 घंटे पहले प्लेइंग इलेवन चुन ली थी, मगर बारिश के चलते पहले दिन के मैच के धुलने के पास उनके पास प्लेइंग इलेवन में बदलाव करने का मौका था. लेकिन विराट कोहली ने अपने स्पिनरों रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा को टीम में बनाए रखा और उनके साथ उतरने का विकल्प चुना.
“मैच से तीन दिन पहले टीम चुनना और दो स्पिनरों को उतारना अति आत्मविश्वास था जबकि उन्हें पता था कि मैच के दौरान बारिश हो सकती है. भले ही उनके स्पिनर विश्व स्तरीय हों, लेकिन वे वहां दो कदम आगे थे.”