भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह व मोहम्मद शमी टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारत के लिए अहम भूमिका निभाने वाले हैं. ऐसे में खबरों की मानें तो शुरुआत में खेली जाने वाली एकदिवसीय व टी20 आई सीरीज के लिए इन दोनों गेंदबाजों को रोटेट किया जा सकता है, क्योंकि सीमित ओवर के बाद भारत को ऑस्ट्रेलिया के साथ बॉर्डर-गावस्कर सीरीज खेलनी है.
भारतीय क्रिकेट टीम ने पिछली बार 2018-19 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टेस्ट सीरीज में ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी. यकीनन इस बार भी टीम इंडिया इस ताज को बरकरार रखना चाहेगी और टेस्ट सीरीज को जीतने के इरादे से मैदान पर उतरेगी. ऐसे में तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी का पूरी तरह फिट रहना और वॉर्म-अप व टेस्ट मैचों के लिए उपलब्ध रहना अहम होगा.
अब भारतीय टीम को टेस्ट सीरीज से पहले 27 नवंबर से 3 मैचों की एकदिवसीय सीरीज खेलनी है और इसके बाद 4 दिसंबर से टी20आई सीरीज खेली जाएगी. ऐसे में टीम मैनेजमेंट इन दोनों खिलाड़ियों को की फिटनेस के लिए कदम उठा सकती है.
अगर बीसीसीआई से जुड़े सूत्रों की माने तों जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी के वर्कलोड को लेकर टीम मैनेजमेंट काफी सजग है. इशांत शर्मा अगर पहले टेस्ट मैच तक फिट नहीं हो पाते हैं तो फिर इन दोनों खिलाड़ियों के ऊपर ज्यादा भार आ जाएगा.
अगर जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी दोनों 4, 6 और 8 दिसंबर को होने वाले टी20 मैचों मैचों में हिस्सा लेते हैं तो फिर उन्हें टेस्ट मैचों के लिए एक वॉर्प-अप मैच कम मिलेगा. मुझे नहीं लगता कि टीम मैनेजमेंट ऐसा चाहेगी कि वॉर्म अप मुकाबले ना खेलें.
जसप्रीत बुमराह ने अब तक 14 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें 20.34 के औसत के साथ 68 विकेट झटके हैं. तो वहीं मोहम्मद शमी 49 मैचों में 27.36 के औसत से 180 विकेट अपने नाम किए हैं.
पिछली बार जब भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उसी की सरजमीं पर टेस्ट सीरीज में मात दी थी, तब जसप्रीत बुमराह ने सर्वाधिक विकेट झटकने का कारनामा किया था. जहां, पेसर ने 17.00 के औसत से 21 विकेट लिए थे.
आगामी टेस्ट सीरीज में ये दोनों ही गेंदबाज भारतीय क्रिकेट टीम की जीत के लिए बेहद अहम होने वाले हैं. बॉर्डर-गावस्कर सीरीज का आगाज 17 दिसंबर से एडिलेट डे-नाइट टेस्ट मैच के साथ होगा.