भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत की तुलना शुरुआत से ही पूर्व भारतीय कप्तान व भारत के दिग्गज विकेटकीपर-बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी से की जाती रही है. पंत दिग्गज महेंद्र सिंह धोनी से तुलना किए जाने से खुश हैं लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज में अहम भूमिका निभाने के बाद वह खेल में अपनी अलग पहचान बनाना चाहते हैं.
ऋषभ पंत को महेंद्र सिंह धोनी के उत्तराधिकारी के रूप में पहचाना जाता रहा है. जिसके चलते कई बार वह आलोचनाओं के घेरे में भी आ जाते हैं, क्योंकि हर कोई उनसे धोनी जितनी उम्मीद रखता है. मगर अब ऋषभ पंत ने साप कर दिया है कि वह किसी की तरह नहीं बनना चाहते हैं, बल्कि वह अपनी पहचान बनाना चाहते हैं.
ऑस्ट्रेलिया के साथ खेली गई बॉर्डर-गावस्कर सीरीज को रिटेन करने में युवा ऋषभ पंत का अहम योगदान रहा. सिडनी टेस्ट में 97 रनों की पारी खेलकर मैच को ड्रॉ कराने में अहम भूमिका निभाने के बाद पंत ने गाबा टेस्ट में 328 रनों का सफलतापूर्वक पीछा करने के लिए 89 रनों की ऐतिहासिक पारी खेलकर भारत को 3 विकेटों से जीत दिलाई.
इस पारी के लिए पंत को प्लेयर ऑफ द मैच के सम्मान से सम्मानित किया गया. पंत ने इस सीरीज में 68.50 के औसत से 274 रन बनाए और वह भारत के लिए सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे. मैच विजेता पारी खेलने वाले पंत ने ऑस्ट्रेलिया से स्वदेश लौटने के बाद पत्रकारों से कहा,
“जब आपकी तुलना धोनी जैसे दिग्गज खिलाड़ी से की जाती है तो बहुत अच्छा लगता है और आप मेरी तुलना उनसे करते हैं. यह शानदार है लेकिन मैं नहीं चाहता कि मेरी किसी से तुलना की जाए. मैं भारतीय क्रिकेट में अपनी अलग पहचान बनाना चाहता हूं क्योंकि किसी युवा खिलाड़ी की किसी दिग्गज से तुलना करना सही नहीं है.”
भारत ने ऑस्ट्रेलिया को टेस्ट सीरीज में 2-1 से हराकर बॉर्डर-गावस्कर सीरीज को रिटेन किया है. ये भारत के लिए यकीनन एक ऐतिहासिक जीत है, जिसने भारतीय क्रिकेट में एक स्वर्णिम अध्याय जोड़ा है.
ऋषभ पंत को उनकी आक्रामक बल्लेबाजी के लिए जाना जाता है. वह तीनों ही फॉर्मेट में बड़े-बड़े शॉट्स खेलकर टीम को जीत दिलाने की क्षमता रखते हैं, जो ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उन्होंने एक बार फिर साबित किया. अब पंत अगली बार इंग्लैंड सीरीज में एक्शन में नजर आएंगे.
भारत-इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज का पहला मैच 5 फरवरी को चेन्नई के चैपॉक स्टेडियम में खेला जाएगा.