टीम इंडिया के स्विंग के बेताज बादशाह भुवनेश्वर कुमार का ऐसा मानना है कि अपने करियर के शुरुआती दौर में उन्हें इस बात का बिल्कुल भी एहसास नहीं था कि उनको उनकी गेंदबाजी में अतिरिक्त गति जोड़ने की जरूरत है. भुवी गेंद को दोनों तरफ से स्विंग कराने के लिए जाने जाते हैं, लेकिन वह अपने करियर के शुरुआती दौर में लगभग 125 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करते थे.
भुवनेश्वर कुमार ने इस बात को तब महसूस किया कि उन्होंने देखा कि विपक्षी टीम के खिलाड़ी उनकी स्विंग के साथ तालमेल बिठा रहे हैं क्योंकि वह तेज गति से गेंदबाजी नहीं कर रहे. हालांकि इसके बाद उन्होंने अपनी गति पर काम किया और इसके लिए कड़ी मेहनत भी की. भुवी की मेहनत रंग लाई और इसका उन्हें एक बेहतर नतीजा भी मिला.
भुवनेश्वर कुमार ने लगभग 135-140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करना शुरू किया और सकारात्मक परिणाम उनके लिए काफी स्पष्ट थे. दाएं हाथ के गेंदबाज के पास बेहतरीन नियंत्रण है और वह टीम को इससे लाभ भी पहुंचा रहे हैं.
भुवनेश्वर कुमार ने सनराइजर्स हैदराबाद द्वारा पोस्ट की गई एक वीडियो में कहा, “ईमानदारी से कहूं तो, पहले कुछ वर्षों में मुझे नहीं पता था कि गति कुछ ऐसी है जिसे गेंदबाजी में जोड़ने की जरूरत है. जैसे-जैसे मैं खेलता रहा, मुझे एहसास हुआ कि स्विंग के साथ मुझे अपनी गति में सुधार करने की जरूरत है. मेरी गति 120 किमी प्रति घंटा या सिर्फ 130 किमी प्रति घंटा थी. उसी गति से बल्लेबाज स्विंग को समायोजित कर रहे थे. इसलिए, मैं गति बढ़ाना चाहता था, लेकिन मुझे नहीं पता था कि यह कैसे करना है. कड़ी मेहनत करने और जिम में समय बिताने के बाद यह सामान्य बात हो गई.”
अनुभवी तेज गेंदबाज ने आगे कहा, “सौभाग्य से मैं गति में सुधार करने में सक्षम था और इससे मुझे बाद के चरणों में वास्तव में मदद मिली. तो हां, जब आपके पास गति होती है, 140 से अधिक की गति नहीं, लेकिन 130 किलोमीटर प्रति घंटे के मध्य में गेंदबाजी करने से उस स्विंग को बनाए रखने और बल्लेबाज को अनुमान लगाने में मदद मिलती है.”
वैसे जानकारी के लिए बता दें कि हाल फिलहाल के समय में भुवी काफी चर्चा में रहे हैं क्योंकि उन्हें इंग्लैंड दौरे के लिए भारतीय टेस्ट टीम का हिस्सा नहीं बनाया गया. कुछ खबर ऐसी भी सामने आई थी कि वो अब टेस्ट क्रिकेट नहीं खेलना चाहते. हालांकि, 31 वर्षीय खिलाड़ी ने ऐसी खबरों को खारिज कर दिया और कहा कि वह खेल के तीनों प्रारूपों में खेलना चाहते हैं.
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था, “मेरे बारे में लेख हैं कि मैं टेस्ट क्रिकेट नहीं खेलना चाहता. बस स्पष्ट करने के लिए, मैंने टीम चयन के बावजूद हमेशा तीनों प्रारूपों के लिए खुद को तैयार किया है और आगे भी ऐसा ही करता रहूंगा. सुझाव – कृपया अपनी धारणाओं के आधार पर न लिखें ‘स्रोत’ पर!”