टीम इंडिया के लेग स्पिन युजवेंद्र चहल का ऐसा मानना है कि उनके पास टेस्ट क्रिकेट खेलने का संयम और धैर्य मौजूद हैं. चहल को अभी तक भारत के लिए टेस्ट डेब्यू का मौका नहीं मिला है, लेकिन एकदिवसीय और टी-20 फॉर्मेट में टीम के अहम खिलाड़ियों में से एक है.
चहल को जून 2016 में भारत के लिए डेब्यू करने का मौका मिला था, लेकिन उस समय उनके लिए टेस्ट टीम में जगह बनाना संभव नहीं था. अपने डेब्यू के बाद वह भारतीय टीम के लिए 52 एकदिवसीय और 42 टी-20I मैच खेले हैं. 2017 चैंपियंस ट्रॉफी के बाद से युजवेंद्र चहल टीम इंडिया के लिए लगातार सीमित ओवर फॉर्मेट में जुड़े हुए है. हालांकि, चहल टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहते हैं और उन्हें लगता है कि यह इस फॉर्मेट में मिलना वाली चुनौती सबसे अलग होगी.
टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत के दौरान चहल ने कहा, ‘’मैंने एकदिवसीय और टी-20 मैच खेले हैं, लेकिन जब कोई आपको टेस्ट खिलाड़ी कहता है, तो यह एक अलग एहसास होता है. वनडे और टी-20I में आप जानते हैं कि बल्लेबाज आपको चौके और छक्के मारेगा और आपको उसे विकेट लेने से रोकना होगा या उसे शीर्ष पर नहीं जाने देना चाहिए, लेकिन टेस्ट में, आपको किसी भी कीमत पर उसे आउट करना होगा. यही सबसे बड़ी चुनौती है. टेस्ट क्रिकेट में बहुत धैर्य की जरूरत होती है. मेरा मानना है कि मेरे पास टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए धैर्य और संयम है.’’
वैसे आप सभी को बता दे, कि अभी तक लाल गेंद के साथ चहल का प्रदर्शन कुछ खास देखने को नहीं मिला है. 31 प्रथम श्रेणी मैचों में 33.21 की औसत के साथ चहल ने 84 विकेट झटके हैं. वैसे पिछली रणजी ट्रॉफी में चहल ने अपने आठ मैचों में 46 विकेट अपने नाम किये थे. चहल ने दिखाया है कि उनके पास शीर्ष स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करने का कौशल हैं.
चहल ने कहा कि ‘’पिछले 8 रणजी ट्रॉफी मैचों में मैंने 46 विकेट हासिल किए हैं. उन मैचों में, मैंने 20 से 25 ओवर स्पेल फेंके. मैंने लाल गेंद या सफेद गेंद की क्रिकेट की तर्ज पर कभी नहीं सोचा था. मैं बस जाता हूं और अपने खेल का आनंद लेता हूं. जो भी अवसर मेरे रास्ते आता है, मैं इसे हथियाना पसंद करता हूं. मैं हर मौके के लिए तैयार हूं.’’
30 वर्षीय युजवेंद्र चहल 52 वनडे मैचों में 91 और 42 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में 55 विकेट अपने नाम कर चुके है. वैसे आप सभी को बताते चले कि चहल के पास टेस्ट टीम में जगह बनाने का आसान मौका नहीं है. हालांकि टेस्ट टीम में स्थान बनाने के लिए उनको घरेलू स्तर पर भी लगातार बेहतर प्रदर्शन करना होगा. ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी उनका जगह बनाना मुश्किल है, क्योंकि टीम के पास पहले से ही आर अश्विन, कुलदीप यादव और रविन्द्र जडेजा जैसे स्पिन गेंदबाज मौजूद है.
Written by: अखिल गुप्ता
भारत के अनुभवी बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने पिछले दो सालों में अपने सुधार के ग्राफ… अधिक पढ़ें
दिग्गज सुनील गावस्कर चाहते हैं कि विराट कोहली और रोहित शर्मा की अनुभवी जोड़ी अपने… अधिक पढ़ें
पूर्व भारतीय टेस्ट सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा का मानना है कि ब्रिसबेन के गाबा में… अधिक पढ़ें
भारत के अनुभवी बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चल रही बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज… अधिक पढ़ें
भारतीय कप्तान रोहित शर्मा का मानना है कि ब्रिसबेन के गाबा में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ… अधिक पढ़ें
ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क ने रविचंद्रन अश्विन के शानदार करियर की तारीफ की।… अधिक पढ़ें