पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज और घरेलू क्रिकेट के दिग्गज वसीम जाफर का ऐसा कहना है कि 2013 में जब शिखर धवन का टेस्ट टीम में चयन हुआ, तब वह टीम में वापसी करने के बहुत करीब थे. वसीम जाफर ने कहने को तो भारत के लिए 31 टेस्ट मैच खेले, लेकिन उन्हें अधिक सफलता फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलते हुई मिली. जाफर ने करीब करीब 24 सालों तक फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेला और जमकर रनों की बरसात की. दाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज ने सन 1996 में अपना डेब्यू किया था और इस साल की शुरुआत में उन्होंने अपने फर्स्ट क्लास करियर पर पूर्ण विराम लगाया.
स्टाइलिश बल्लेबाजी के लिए मशहूर वसीम जाफर ने 260 प्रथम श्रेणी मैच खेले और 19410 रन बनाए. लगातार उन्होंने अपनी दमदार बल्लेबाजी और शानदार तकनीक से सभी को खासा प्रभावित किया. हालांकि टीम इंडिया के लिए खेलते हुए जाफर वैसा प्रदर्शन नहीं कर पाए, जैसे उन्होंने घरेलू टीमों के लिए किया.
दिग्गज खिलाड़ी ने भारत के लिए कुल 31 टेस्ट मैच खेले और 34.10 की औसत के साथ 1944 रन बनाने में सफल हुए. भारत के लिए दो दोहरे शतक जमाने वाले वसीम जाफर ने साल 2008 में दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध अपना अंतिम टेस्ट मैच खेला था. उसके बाद उनको टीम से ड्रॉप कर दिया गया. टीम से बाहर होने के बाद वसीम के बल्ले ने बोलना कम नहीं किया और खूब रन बनाए.
मगर घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करने के बाद भी उन्हें टीम इंडिया में मौके नहीं मिल सके. 2012-13 के समय में वसीम जाफर टीम में वापसी के बहुत करीब थे, लेकिन उस समय चयनकर्ता ने शिखर धवन को टीम के साथ जोड़ना ज्यादा बेहतर समझा. बताते चलें कि, 2012-13 की रणजी ट्रॉफी में वसीम जाफर ने 76 की जबरदस्त औसत के साथ 835 रन बनाए थे. मगर चयनकर्ता ने उनके नाम पर अनदेखी की और धवन को चुना.
स्पोर्ट्स टाइगर से बातचीत के दौरान वसीम जाफर ने कहा, ‘’2012-13 में टीम में चयन होने के बेहद करीब था, लेकिन तब शिखर धवन का चयन हुआ. उसके बाद भी दो बार मैं चयन के बहुत नजदीक पहुंचा, लेकिन बाजी नहीं मार सका. मुझे टीम में क्यों जगह नहीं मिली, यह तो चयनकर्ता ही बता सकते है, लेकिन मैं लगातार टीम में वापसी के लिए दरवाजें खटखटाता रहा.”
जाफर ने यह बात भी स्वीकारी की, घरेलू स्तर पर उनका प्रदर्शन टॉप लेवल का नहीं रहा. हालांकि उन्हें इस बात का बिल्कुल भी पछतावा नहीं है कि उन्हें टीम इंडिया में लंबे समय तक खेलने का ज्यादा मौका नहीं मिला.
उन्होंने आगे कहा, ”मैंने निरंतर प्रदर्शन नहीं किया. अगर मैं होता तो मैं 100 से अधिक टेस्ट मैच खेलता. मैं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार ऐसा नहीं था, इसीलिए मैं ड्रॉप भी हुआ. मैं अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से ज्यादा अपने प्रथम श्रेणी के करियर के लिए प्रसिद्ध हूं, जो मैंने खेला है.”
वसीम जाफर अब बहुत जल्द आईपीएल 2020 के दौरान किंग्स इलेवन पंजाब के दल में नजर आएंगे. दरअसल, पंजाब की टीम में वसीम जाफर बल्लेबाजी कोच के पद पर नियुक्त है.
Written By: अखिल गुप्ता
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