भारत के पूर्व दिग्गज मास्टर-ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का मानना है कि यह वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के बजाय वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप सीरीज होनी चाहिए थी. आईसीसी ने 2 साल लंबे एक सत्र के विजेता के को अंतिम रूप देने के लिए केवल एक टेस्ट मैच खिलाने का निर्णय लिया, जो थोड़ा अनुचित लगता है.
इसका कारण ये है कि फाइनल में जगह बनाने के लिए टीमों ने 2 साल तक संघर्ष किया. इसलिए कई क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि विजेता टीम का फैसला एक मैच नहीं बल्कि 3 मैचों की टेस्ट सीरीज से होना चाहिए. इंग्लैंड रवाना होने से पहले भारतीय कोच रवि शास्त्री ने भी यही तर्क पेश किया था.
भारत ने टेस्ट चैंपियनशिप के इस चक्र में 17 मैच खेले, जिसमें 12 मैच जीतकर 72.2 के विनिंग प्रतिशत के साथ अंक तालिका में टॉप पर रहते हुए फाइनल में प्रवेश किया. दूसरी ओर, न्यूजीलैंड ने 7 मैच जीते और 70 विनिंग प्रतिशत के साथ अंक तालिका मं दूसरे स्थान पर रहते हुए फाइनल में जगह बनाई.
तेंदुलकर ने टीओआई के साथ बातचीत के दौरान बताया, “टेस्ट क्रिकेट के मामले में, फाइनल में पहुंचने के लिए, आप दो या तीन टेस्ट खेल रहे हैं, या उस मामले में, एक सीरीज में चार मैच खेल रहे हैं और फिर आप चैंपियनशिप फाइनल में विजेता का फैसला करने के लिए सिर्फ एक टेस्ट खेलते हैं.”
“निरंतरता कहां है? यह वास्तव में एक विश्व टेस्ट चैंपियनशिप सीरीज होनी चाहिए, न कि केवल एक मैच होना चाहिए. क्योंकि इस पॉइंट तक पहुंचने के लिए, आपने दो या तीन टेस्ट या उससे अधिक टेस्ट सीरीज खेली हैं. इसलिए, टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में सिर्फ एक टेस्ट नहीं होना चाहिए था, बल्कि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल सीरीज़ होनी चाहिए. क्योंकि आपने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए कई सीरीज खेली है. ”
इस बीच मास्टर ब्लास्टर का मानना है कि भारत के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में न्यूजीलैंड को फायदा होगा क्योंकि उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ दो टेस्ट मैच खेले हैं. कीवी टीम ने दूसरे टेस्ट मैच में मेजबान टीम को मात दी और सीरीज को 1-0 से अपने नाम कर लिया.
“यह बिना किसी संदेह के, चर्चा करने वाली बात है. न्यूजीलैंड के पास वह मामूली बढ़त होगी क्योंकि उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ दो टेस्ट खेले हैं जबकि भारत ने आपस में खेलने के अलावा अभ्यास मैच भी नहीं खेले हैं.”
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल 18 जून से एजेस बाउल, साउथेम्प्टन में होगा.