भारत के ताबीज ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा आज टीम इंडिया के लिए तीनों फॉर्मेट में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए जाने जाते हैं. मगर अब उन्होंने अपने करियर के बुरे दौर को याद करते हुए बताया है कि जब 2016 में उन्हें टीम इंडिया से बाहर कर दिया गया था, तो उनकी रातों की नींद उड़ गई थी.
2016 के बाद उन्हें टेस्ट टीम का हिस्सा थे, लेकिन उन्हें खेलने को नहीं मिल रहा था. इसके बाद 2017 चैंपियंस ट्रॉफी के बाद जडेजा को भारत की लिमिटेड ओवरों की टीम से बाहर कर दिया गया था क्योंकि कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल ने अपने-अपने प्रदर्शन से सभी को आकर्षित किया था.
रवींद्र जडेजा ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “’ईमानदारी से कहूं तो वो डेढ़ साल रातों की नींद हराम कर दिया था. उस दौर में मुझे याद है कि मैं सुबह 4-5 बजे तक उठ जाता था. मैं सोच रहा था कि क्या करूं, मैं वापसी कैसे करूं? मैं सो नहीं सका. मैं लेटा रहता था, लेकिन जगा ही रहता.”
“मैं टेस्ट टीम में था लेकिन नहीं खेल रहा था क्योंकि हमने विदेशों में बहुत खेला. मैं वनडे नहीं खेल रहा था. मैं घरेलू भी नहीं खेल रहा था क्योंकि मैं सिर्फ भारतीय टीम के साथ यात्रा कर रहा था, मगर मैं नहीं खेल रहा था. मुझे खुद को साबित करने का कोई मौका नहीं मिल रहा था. मैं सोचता रहता था कि मैं कैसे वापस आने वाला हूं,”
मगर जडेजा की उन काली रातों के बाद सुबह हुई और उन्होंने लिमिटेड ओवर टीम में जोरदार वापसी की. इसके बाद फिर उन्हें जो मौके मिलते गए, वह उसे दोनों हाथ से लेते गए और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा. जडेजा ने अपनी बल्लेबाजी में सुधार किए और अब वह किसी भी परिस्थितियों में भारत के लिए रन बनाने में सक्षम हैं. इस प्रकार, जडेजा खेल के तीनों फॉर्मेट में टीम का अभिन्न अंग रहे हैं और उन्होंने अच्छा काम किया है.
दूसरी ओर, चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेलते हुए जडेजा आईपीएल 2021 में रेड-हॉट फॉर्म में थे. जडेजा ने 6 पारियों में 131 की औसत और 161.72 के स्ट्राइक रेट से 131 रन बनाए. इसके अलावा, उन्होंने 7 मैचों में 6 विकेट लिए.
अब सभी की नजरें न्यूजीलैंड के साथ खेले जाने वाले आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मैच पर टिकी है, जो 18 जून से साउथैम्पटन के एजेस बाउल में शुरु होगा. इस मैच में सभी को रविंद्र जडेजा से काफी उम्मीदें होंगी.