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राहुल द्रविड़ ने भारत की बेंच स्ट्रेंथ को मजबूत करने में किया है शानदार काम : सौरव गांगुली

भारतीय क्रिकेट टीम की कोर टीम जितनी मजबूत है, उसकी बेंच स्ट्रेंथ भी उतनी ही मजबूत नजर आई है. पिछले कुछ समय में भारत के कई अनुभवी खिलाड़ी चोटिल हुए, अनुपलब्ध हुए, जिसकी जगह युवा खिलाड़ियों को मौका मिला और उन्होंने ऐसा प्रदर्शन किया कि शायद ही किसी ने उन अनुभवी खिलाड़ियों को मिस किया होगा. जिसके लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के निदेशक राहुल द्रविड़ को क्रिकेटरों की अगली पीढ़ी को तैयार करने का श्रेय दिया है.

भारत के अंडर -19 और भारत ए के पूर्व कोच द्रविड़ ने युवा खिलाड़ियों की प्रतिभा को पहचानकर ठीक वैसे ही निखारा है, जैसे एक जौहरी हीरे को निखारता है. जिसका परिणाम है कि आज भारत की बेंच स्ट्रेंथ इतनी स्ट्रॉन्ग है कि वह ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम को उसके घर पर हराकर खिताबी जीत दर्ज कर सके.

द्रविड़ ने युवा खिलाड़ियों को सही रास्ते पर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. पूर्व भारतीय कप्तान को सर्वश्रेष्ठ युवा पीढ़ी मिली है और उन्होंने उन्हें सही आत्मविश्वास दिया है. श्रेयस अय्यर, वॉशिंगटन सुंदर, मोहम्मद सिराज, शार्दुल ठाकुर, टी नटराजन, शुभमन गिल, मयंक अग्रवाल और पृथ्वी शॉ जैसे क्वालिटी प्लेयर्स को तैयार किया है.

इस प्रकार, द्रविड़ ने भारत की बेंच स्ट्रेंथ को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जब भारत के अनुभवी खिलाड़ी एक के बाद एक इंजर्ड हो रहे थे, तब मोहम्मद सिराज, शुभमन गिल, शार्दुल ठाकुर, वाशिंगटन सुंदर और टी नटराजन जैसे खिलाड़ियों को मौके मिले, जिसे सभी खिलाड़ियों ने दोनों हाथों से लिया.

सौरव गांगुली ने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा, “मैंने हमेशा कहा है कि राहुल द्रविड़ ने एनसीए में जबरदस्त काम किया है. उन्होंने दूसरे दर्जे के प्लेयर्स का काफी अच्छी तरह से ख्याल रखा है. मोहम्मद सिराज के पास काफी टैलेंट है, इसके अलावा शार्दुल ठाकुर को भी जब मौका मिलता है तो वो जबरदस्त प्रदर्शन करते हैं.”

”हमने पिछले साल बुमराह के बारे में काफी बात की थी लेकिन भारत ने उनके बिना भी मैच जीता. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी टेस्ट मुकाबले में शार्दुल ठाकुर और मोहम्मद सिराज जैसे गेंदबाजों के दम पर आपने जीत हासिल की. इशांत शर्मा भी टीम में नहीं थे. ये वाकई जबरदस्त बात है.”

दूसरी ओर, दादा ने ऋषभ पंत की जमकर तारीफ की. वह दिल्ली कैपिटल्स के कोच रहते हुए पंत के साथ काफी वक्त बिता चुके हैं. उनका मानना है कि सिडनी टेस्ट में भारत जीत सकता था, यदि ऋषभ पंत नाबाद होते. बता दें, उस मैच में पंत 97 रनों की तूफानी पारी खेलकर आउट हुए थे.

गांगुली ने कहा, “मैंने रिषभ पंत को बहुत करीब से देखा है. मैं हमेशा मैच विनर्स पर यकीन करता हूं. जब उनका दिन होता है तो वे अपने दम पर मैच जीत सकते हैं. पंत भी ऐसा ही खिलाड़ी है. मैंने पहले भी यह कहा था कि अगर वह 5 या 6 ओवरों तक क्रीज पर रहता तो भारत सिडनी टेस्ट (ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच ड्रॉ पर छूटा) जीत सकता था. वह गेम चेंजर है. मुझे मैच विनर्स पसंद हैं. मेरे दौर में भारतीय टीम में वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह और महेंद्र सिंह धोनी थे.”

भारत और इंग्लैंड के बीच 12 मार्च से T20I सीरीज की शुरुआत होने वाली है. इस सीरीज के सभी पांच मुकाबले अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले जाएंगे.

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