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विजय हजारे ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन के बाद बोले पृथ्वी शॉ, कहा- “मैं आसानी से हार नहीं मानता”

मुंबई के कप्तान पृथ्वी शॉ जारी विजय हजारे ट्रॉफी में शानदार फॉर्म में हैं. सेमीफाइनल मुकाबले में कर्नाटक में मात्र 122 मैचों में 165 रनों की तूफानी पारी खेलकर टीम को जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. शॉ ने सात मैचों में अब तक 188.50 के अद्भुद औसत और 134.88 की स्ट्राइक रेट से 754 रन बना चुके हैं. इसी के साथ शॉ एक विजय हजारे सीजन में सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज बन गए हैं. शॉ ने सीजन में 3 शतक और एक दोहरा शतक लगाया है.

इस रिकॉर्ड को अपने नाम करने के लिए मयंक अग्रवाल का तीन साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया क्योंकि उन्होंने 2018 में विजय हजारे के एक सीजन में 723 रन बनाए थे.

शॉ ने मुंबई के लिए पहले मैच में दिल्ली के खिलाफ 105 रन बनाए. इसके बाद, उन्होंने पुदडुचेरी के खिलाफ 227 रन बनाए और मुंबई को 457 रनों का शानदार स्कोर बनाने में मदद की.

इस बीच, शॉ को एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में अपने प्रदर्शन के लिए काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था. जहां, युवा ओपनर निराशाजनक बल्लेबाजी कर रहा था, जिसके चलते उन्हें बॉक्सिंग डे टेस्ट में प्लेइंग इलेवन से बाहर कर दिया गया और शुभमन गिल को मौका मिला.

मुंबई को विजय हजारे के फाइनल में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाने वाले पृथ्नी शॉ ने खुलासा किया है कि वह कभी भी आसानी से हार नहीं मानते.

पृथ्वी शॉ ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, “मैं आसानी से हार मानने वालों में नहीं हूं. विरार का लड़का हूं. अच्छे से बाउंस बैक करना जानता हूं. अगर आप 100 गेंदों में 1 रन बनाने को कहेंगे तो मैं कोशिश करूंगा पर वो मेरा गेम नहीं है. ऑस्ट्रेलिया में मैं जिस मुसीबत में घिरा था वैसी पहले कभी नहीं झेली. लेकिन, घंटों की कड़ी मेहनत से अब तस्वीर बदल चुकी है. अब बल्लेबाजी में वो रंगत है, जिसकी जरूरत है.”

शॉ ने कहा कि उनका स्वाभाविक खेल आक्रमणकारी क्रिकेट खेलना है और वह विपक्ष पर आक्रमण करना पसंद करते हैं.

शॉ ने आगे कहा, “यदि आप चाहते हैं कि मैं 100 गेंदों में 1 रन बनाऊं, तो मैं कोशिश कर सकता हूं लेकिन वह मैं नहीं हूं. यह मेरा खेल नहीं है. मैं इस तरह से नहीं खेल सकता हूं. मैं कभी भी ऐसी स्थिति में नहीं था जैसे मैं ऑस्ट्रेलिया में था, लेकिन मैंने अब कड़ी मेहनत की है. इसे सुधारने के लिए मैंने नेट्स में घंटों बिताए हैं.”

शॉ विजय हजारे ट्रॉफी में अपने शानदार प्रदर्शन ने उन्हें ऑस्ट्रेलिया को बुरे दौरे को भुलाने में मदद मिलेगी. इस वक्त जिस फॉर्म में सलामी बल्लेबाज है, वह जल्द ही टीम इंडिया में वापसी कर सकता है.

मुंबई और उत्तर प्रदेश के बीच टूर्नामेंट का फाइनल रविवार को दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में होगा.

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