पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज इंज़माम उल हक ने सुनील गावस्कर को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. इंज़माम उल हक ने कहा है कि, सुनील गावस्कर के टेस्ट क्रिकेट में बनाये गये 10 हजार रन मौजूदा समय में 16 हजार रनों से कम नहीं है.
साथ ही इंज़माम ने यह भी कहा कि सुनील गावस्कर ने टेस्ट में 10 हजार रन बनाकर एक अकल्पनीय काम किया था. गावस्कर अपने युग में सर विवयन रिचर्ड्स और जावेद मियांदाद जैसे खिलाड़ियों के साथ खेले थे लेकिन उनमें से कोई भी यह उपलब्धि हासिल नहीं कर सका.
अपने यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए पूर्व पाकिस्तानी कप्तान ने कहा, ”उनके युग में और उससे पहले भी कई महान खिलाड़ी थे. जावेद मियांदाद, विव रिचर्ड्स, गैरी सोबर्स और डॉन ब्रैडमैन जैसे बल्लेबाज थे, लेकिन किसी ने भी उस आंकड़े तक पहुंचने के बारे में नहीं सोचा. यहां तक कि आज के क्रिकेट में भी जब बहुत ज्यादा टेस्ट क्रिकेट होता है, बहुत कम खिलाड़ी हैं जिन्होंने यह उपलब्धि हासिल की है.”
आप सभी को बताते चले कि सुनील गावस्कर टेस्ट में सबसे पहले बल्लेबाज बने थे, जिन्होंने 10 हजार रनों के आंकड़े को छूआ था. गावस्कर ने सन 1987 में पाकिस्तान के खिलाफ अहमदाबाद टेस्ट मैच में यह कीर्तिमान स्थापित किया था.
इंज़माम के अनुसार अगर सुनील गावस्कर आधुनिक युग में खेलते तो उनके रनों का आंकड़ा और अधिक होता. इंज़माम के अनुसार,
‘’अगर आप मुझसे पूछे, तो मैं कहूँगा कि सुनील के उस युग में 10 हजार रन, आज के 15 या 16 हजार रनों के बराबर हैं. ये उससे भी ज्यादा हो सकते है, लेकिन किसी भी मायने में उससे कम नहीं. गावस्कर के समय में विकेट आज की तरह बल्लेबाजी विकेट नहीं थी और उन पर रन बनाना बेहद मुश्किल था.”
लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर ने भारत के लिए 125 टेस्ट खेले और 51.12 की शानदार औसत के साथ 10122 रन बनाये. 214 पारियों में उनके नाम पर 34 शतक और 45 अर्धशतक दर्ज रहे.
इंज़माम ने आगे कहा, ”एक बल्लेबाज के तौर पर आपकी फॉर्म अच्छी है तो आप एक सत्र में 1 हजार रन 1500 रन बना सकते हैं. लेकिन जब गावस्कर बैटिंग कर रहे थे तो परिस्तिथि वैसी नहीं थी. आज ओउरी तरह बैटिंग विकेट तैयार की जाती हैं ताकि आप रन बनाना जारी रख सकें. आईसीसी भी बल्लेबाजों को ऐसा करते हुए देखना चाहता है ताकि दर्शकों का मनोरंजन हो सके.”
सुनील गावस्कर का टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड कई सालों तक कायम रहा.
Written by: अखिल गुप्ता