भारतीय टीम के पूर्व दिग्गज ऑलराउंडर युवराज सिंह ने सौरव गांगुली को लेकर एक चौकाने वाला खुलासा किया है. युवराज का ऐसा कहना है कि सौरव गांगुली के संन्यास लेने के बाद उनको टेस्ट टीम में मौका मिला. बताते चले, कि टीम इंडिया हमेशा स्टार और दिग्गज खिलाड़ियों से सजी हुई नजर आई हैं.
टेस्ट टीम में वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और सौरव गांगुली जैसे दिग्गज बल्लेबाज खेला करते थे और इसी मजबूत बल्लेबाजी क्रम के चलते कई सारे खिलाड़ियों को टीम में मौका ही नहीं मिल पाया. इन प्रतिभाशाली खिलाड़ियों में एक नाम युवराज सिंह का भी देखने को मिला.
2011 के वनडे विश्व कप में ‘मैन ऑफ द टूर्नामेंट’ का अवार्ड जीतने वाले युवराज सिंह ने स्वयं इस बात का खुलासा टाइम्स नाओ को दिए एक इंटरव्यू में किया. युवराज ने कहा, “जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं तो मुझे लगता है कि मुझे टेस्ट क्रिकेट खेलने के और मौकों की जरूरत थी. उस समय, सचिन, राहुल, वीरेंद्र, वीवीएस, सौरव जैसे स्टार खिलाड़ियों के बीच जगह पाना बेहद मुश्किल था.’’
उन्होंने कहा, “मध्यक्रम में स्पॉट पाना मुश्किल था. इसके अलावा, आज की पीढ़ी की तुलना में जिन्हें दस से ज्यादा टेस्ट मैच खेलने को मिलते हैं, हमें एक या दो मौके ही मिलते थे. मेरा मौका तब आया जब सौरव रिटायर हुए लेकिन दुर्भाग्य से तब मुझे कैंसर हो गया था और मेरी जिंदगी ने अलग ही मोड़ ले लिया था.”
साल 2003 में युवराज सिंह ने अपने घरेलू मैदान पर न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था और 2012 में इंग्लैंड के विरुद्ध अंतिम टेस्ट खेला. 9 साल के टेस्ट करियर में युवी ने कुल 40 मुकाबले खेले और 62 पारियों में 33.93 की औसत के साथ 1900 रन बनाए. इस दौरान उनके बल्ले से तीन शतक और 11 अर्धशतक भी देखने को मिले.
युवराज ने अपने तीनों टेस्ट शतक पाकिस्तान के खिलाफ ही बनाये. युवराज ने बताया कि उन्हें अपने करियर में केवल इसी एक बात का अफसोस रहा कि उन्हें टेस्ट में ज्यादा मौके नहीं मिल सके. उन्होंने कहा, “फिर भी, मैं अपनी यात्रा से खुश हूं और अपने देश के लिए खेलने पर बेहद गर्व महसूस कर रहा हूं.’’
Written by: अखिल गुप्ता