सन 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच चेन्नई के मैदान पर एक ऐसा टेस्ट मैच खेला गया था, जिसका जिक्र आज तक क्रिकेट के गलियारों में सुनने को मिलता है. इस टेस्ट मैच में पाकिस्तान ने भारत के सामने 271 रनों का लक्ष्य रखा था और टीम इंडिया 258 पर ऑल आउट हो गयी थी. पाकिस्तान ने यह मुकाबला 12 रनों से जीता था.
इसी मैच में सचिन तेंदुलकर ने लक्ष्य का पीछा करते हुए बेहतरीन 136 रनों का स्कोर किया था, लेकिन टीम इंडिया को जीत नहीं दिला सके थे. यह टेस्ट पाकिस्तान ने वकार यूनिस की अगुवाई में जीता था. सचिन तेंदुलकर द्वारा खेली गयी 136 रनों की पारी की तारीफ वकार यूनिस आज भी करते हैं.
वकार यूनिस ने द ग्रेटेस्ट रिवेलरी पोडकास्ट में कहा, “हमने एक नई गेंद ली और पहली बॉल पर नयन मोंगिया ने इसे हवा में मारा. मुझे लगता है कि वो जल्दबाजी में थे या मुझे नहीं पता कि उनके दिमाग में क्या चल रहा था. उन्होंने कहा कि खेल खत्म हो गया था और उन्होंने उस खेल को जीत लिया, और उन्हें थोड़ी शालीनता मिली, खासकर नयन मोंगिया. एक बार जब वो आउट हुए, तब भी हम यही सोच रहे थे, ‘ऐसा होने वाला नहीं है, हम इस मैच को जीतने नहीं जा रहे हैं. जब तक सचिन हैं, तब तक ये नहीं होगा.”
मैच में नयन मोंगिया आयर सचिन तेंदुलकर ने छठे विकेट के लिए 136 रन जोड़े थे, मोंगिया (52) के आउट होने के बाद सचिन अभी भी पाकिस्तान की जीत के आगे खड़े हुए थे. यूनिस ने आगे कहा, “ईमानदारी से कहूं तो मुझे बिल्कुल भी पता नहीं था कि सचिन उस समय क्या सोच रहे थे. उनके पास अभी भी चार विकेट बाकी थे और उन्हें 16 रनों की जरूरत थी.’’
उन्होंने कहा, “जिस तरह से वो बल्लेबाजी कर रहे थे, वो इस दुनिया से बाहर थे. फिर अगले ही ओवर में, मुझे लगता है, सचिन ने सकलेन मुश्ताक को, हवा में एक चौका मारा. उनके इस चौके के बाद हमने ये कहना शुरू कर दिया कि हम उन्हें 15-16 रन नहीं बनाने देंगे. जो आवश्यक भी था.”
पूर्व तेज गेंदबाज ने कहा, “फिर सकलैन उन सभी पर हावी हो गए. मैच बचाना उनके लिए मुश्किल था, या बाहर हिट करने वे विकेट खो रहे थे. मुझे लगता है कि उन्होंने पांच या छह ओवरों में सभी चार विकेट खो दिए. मैं कहना चाहूंगा कि मैंने जो सर्वश्रेष्ठ टेस्ट देखे, उनमें से एक यह है जिसे मैंने खेला और मैंने देखा.’’
मैच में सचिन ने 273 गेंदों का सामना करते हुए 136 रन बनाये थे. अपनी पारी में सचिन ने 18 चौके भी जड़े थे. सकलैन मुश्ताक ने अपनी गेंद पर सचिन तेंदुलकर को वसीम अकरम के हाथों कैच आउट कराया था. सचिन 254 के स्कोर पर आउट हुए थे और उसके बाद अगले चार रनों के भीतर पूरी भारतीय टीम सिमट गयी थी.
Written by: अखिल गुप्ता