टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर का ऐसा कहना है कि विश्व कप 2019 में भारत की हार का एक मुख्य कारण टीम के पास नंबर 4 का एक परफेक्ट बल्लेबाज का ना होना था. वैसे यह बात सभी जानते है कि विश्व कप के दौरान भारतीय टीम को नंबर चार के लिए कितना संघर्ष करना पड़ा था.
विश्व कप से पहले अंबाती रायडू को नंबर चार का मुख्य दावेदार माना जा रहा था, लेकिन टीम के चयन के वक़्त चयनकर्ताओं ने सभी को चौंकते हुए विजय शंकर को टीम में शामिल किया था. चयन के समय पर मुख्य चयनकर्ता रहे एमएसके प्रसाद ने यह भी कहा था कि विजय शंकर टीम को ‘3 डी डिमेंशन’ प्रदान करेंगे, इस कारण उनका चयन किया जा रहा है.
हालांकि विजय शंकर भी बीच टूर्नामेंट से चोटिल होने के चलते वर्ल्ड कप से बाहर हो गए थे और उनके स्थान पर ऋषभ पन्त ने उनके विकल्प के तौर पर बाकि के कुछ मैच खेले थे. विश्व कप में भारतीय टीम का सफर सेमीफाइनल तक रहा था और निर्णायक सेमीफाइनल मैच में टीम को न्यूजीलैंड के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. सेमीफाइनल में टीम इंडिया ताश के पत्तों की तरह ढह गई थी और इसकी एकमात्र वजह मध्यक्रम में एक भी अनुभवी बल्लेबाज का ना होना नहीं था.
इंडिया टुडे से बातचीत के दौरान सुनील गावस्कर ने कहा, “मुझे लगता है कि भारत की शीर्ष 3 बल्लेबाजी लाइनअप इतनी शानदार है कि नंबर-4 और 5 के बल्लेबाजों को ज्यादा बॉल खेलने का मौका नहीं मिलता है, लेकिन फिर भी मुझे लगता है कि अगर हमने 2019 विश्व कप के लिए उचित नंबर-4 चुना होता, तो कहानी कुछ और हो सकती थी.”
वर्ल्ड कप के शुरुआती मैचों में कप्तान विराट कोहली ने केएल राहुल को नंबर 4 के बल्लेबाज के रूप में चुना था. हालांकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए लीग मैच में शिखर धवन के चोटिल होने के बाद राहुल को उपकप्तान रोहित शर्मा के साथ सलामी बल्लेबाजी का जिम्मा सौंप दिया गया.
टूर्नामेंट के दौरान रोहित शर्मा, केएल राहुल और विराट कोहली ने खूब रन बनाए, जिसके चलते मध्यक्रम के खिलाड़ियों को बल्लेबाजी करने के ज्यादा अवसर नहीं मिल सके. मगर सेमीफाइनल में जब मध्यक्रम को अपने टैलेंट का परिचय देने का एक शानदार मौका मिला, तब वह एकदम ढेर हो गए.
Written by: अखिल गुप्ता