टीम इंडिया के विकेटकीपर ऋषभ पंत ने ब्रिसबेन टेस्ट की चौथी पारी में नाबाद 89 रन बनाकर ऑस्ट्रेलिया के मुंह से जीत छीन ली थी. पंत की इस नाबाद पारी ने गाबा क्रिकेट स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया के 33 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़कर भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई. मगर पंत ने अब खुलासा किया है कि विश्व कप 2019 की सेमीफाइनल में मिली हार का उन्हें मलाल है.
पंत ने जिस तरह से समझदारी भरी पारी खेलकर भारत को बॉर्डर-गावस्कर सीरीज जिताई है, उसके बाद से हर कोई पंत को सलाम कर रहा है. लेकिन ये युवा खिलाड़ी आज भी वह दिन नहीं भूला है, जब आईसीसी विश्व कप 2019 सेमीफाइनल मैच में वह एक खराब शॉर्ट खेलकर आउट हो गए थे.
2019 विश्व कप के सेमीफाइल मुकाबले में टीम इंडिया के सामने थी न्यूजीलैंड की टीम. जिसने भारत को 240 रनों का लक्ष्य दिया. मगर जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम का टॉप ऑर्डर ताश के पत्तों की तरह बिखर गया था. 3 रन के स्कोर पर भारत अपने 3 टॉप क्लास बल्लेबाजों को खो चुका था.
क्रीज पर मौजूद ऋषभ पंत से सभी को बहुत उम्मीद थी, मगर सेट होने के बाद उन्होंने मिचेल सैंटनर की गेंद पर एक खराब शॉर्ट खेला और वह आउट हो गए. पंत ने सेमीफाइनल में 32 रन बनाए थे. आखिर में भारत 221 रन पर ढ़ेर हो गया और 18 रनों से मैच हार गया. उस मैच का मलाल आज भी ऋषभ पंत के दिल में है. उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में कहा,
“जब मैं 2019 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में आउट हो गया था तो ये मेरे लिए काफी दिल तोड़ने वाला लम्हा था. मेरे पास मौका था कि मैं टीम इंडिया के लिए कुछ करूं. मुझे नहीं पता था कि इतना बड़ा मौका दोबारा कब आएगा.”
ऑस्ट्रेलिया टूर पर बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में पंत ने अपनी बल्लेबाजी से भारत को सीरीज जिता दी. युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ने सिडनी टेस्ट में 97 रन बनाए थे और बड़ी हिट लगाते हुए आउट हुए थे. मगर उनकी इस बड़ी पारी की ही मदद से भारत उस मैच को ड्रॉ करने में सफल रहा था.
ब्रिस्बेन टेस्ट में तो पंत ने आखिर तक क्रीज पर टिके रहने की तरफ देखा और लगातार ऑस्ट्रेलिया की वर्ल्ड क्लास बॉलिंग के खिलाफ शॉट्स लगाते रहे और 89* पारी खेलकर भारत को 3 विकेट से ब्रिस्बेन में जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई. अपनी यादगार पारी को याद करते हुए पंत ने कहा,
“मैं हमेशा से ही मुश्किल परिस्थितियों में टीम को मैच जिताना चाहता था और कुछ ना कुछ अविश्वसनीय करना चाहता था. मैंने कभी खुद के लिए रन बनाने के बारे में नहीं सोचा. 20 रनों की पारी और एक अच्छी कैच से भी टीम मैच जीत जाती है.”