टीम इंडिया और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए सिडनी टेस्ट मैच के पांचवें दिन ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने मैच को ड्रॉ करने में अहम भूमिका निभाई. आखिर तक क्रीज पर डटे रहे और कंगारु गेंदबाजों को विकेट निकालने से रोके रखा. मैच खत्म होने के बाद अश्विन, हनुमा विहारी के जज्बे की तारीफ करते नजर आए.
रविचंद्रन अश्विन ने सिडनी टेस्ट के पांचवें दिन 39 रन बनाने के लिए 128 गेंदें खेलीं. अश्विन ने अपने साथी खिलाड़ी हनुमा विहारी के साथ मिलकर 259 गेंदों का सामना किया और भारत को सिडनी टेस्ट में ड्रॉ तक पहुंचाया.
ऑफ स्पिनर ने इंडर्ड हनुमा विहारी का समर्थन मिला, जिन्होंने अपनी पारी के शुरुआती चरण में अपनी हैमस्ट्रिंग इंजरी को नजरअंदाज कर बल्लेबाजी की. विहारी ने 23 रन बनाने के लिए 161 गेंदों का सामना किया. दोनों बल्लेबाजों ने ये संभव कर दिखाया कि भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच सीरीज 1-1 की बराबरी पर रहे.
अश्विन और हनुमा ने डिफेंसिव खेल दिखाया. मैच के बाद पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन में अश्विन ने विहारी की पारी की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी 23 रनों की पारी एक शतक के बराबर है. अश्विन ने कहा,
“पुजारा और पंत के विकेट और विहारी के चोटिल होने के बाद, जीत के लिए जाना मुश्किल हो रहा था। ऑस्ट्रेलिया का दौरा करना कभी आसान नहीं होता है इसलिए विहारी को खुद पर गर्व होना चाहिए. यह एक शतक लगाने के बराबर था. ड्रेसिंग रूम में वातावरण इलेक्ट्रिक है. टेस्ट क्रिकेट में हमें बहुत ड्रॉ नहीं मिलता है, यह एक बहुत ही रोमांचक आखिरी सेशन था.
अंतिम दिन भारतीय टीम का यह एक अविश्वसनीय प्रयास था. ऋषभ पंत 97 व चेतेश्वर पुजारा 77 के आउट होने के बाद भारत के लिए जीत हासिल करना नामुमकिन हो गया, मगर जिस तरह से अश्विन-हनुमा ने मैच को ड्रॉ किया, उसके लिए उनकी जितनी तारीफ की जाए कम ही होगी.
पांचवें दिन हनुमा विहारी को हेम्सट्रिंग इंजरी हुई, जिसके चलते हो रहे दर्द के बावजूद वह मैदान पर डटे रहे. वहीं अश्विन के लिए भी क्रीज पर रुकना आसान नहीं था क्योंकि ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज हमलावर हो गए थे और उन्हें कई गेंदें शरीर पर खानी पड़ी.
सीरीज का आखिरी व निर्णायक टेस्ट मैच 15 जनवरी से ब्रिस्बेन में खेला जाएगा.