पूर्व भारतीय बल्लेबाज संजय मांजरेकर का ऐसा मानना है कि ऋषभ पन्त की मौजूदा बड़ी समस्या उनकी तकनीक नहीं, बल्कि उनका फॉक्स है. सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले जा रहे बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान पन्त ने पहले दिन के खेल में मेजबान टीम के युवा सलामी बल्लेबाज विल पुकोवस्की के दो कैच छोड़े थे.
पन्त द्वारा छोड़े गये ये दोनों कैच टीम इंडिया को बहुत भारी पड़े और 22 वर्ष की आयु में अपना टेस्ट डेब्यू कर रहे विल पुकोवस्की ने मिले जीवनदान का फायदा उठाते हुए शानदार 62 रन बना डाले. ऋषभ द्वारा छोड़े गये मेहमान टीम को 30 रन भारी पड़े. आप सभी की जानकारी के लिए बता दे, कि ऋषभ पन्त को दूसरे और तीसरे टेस्ट मैच में अनुभवी रिद्धिमान साहा के स्थान पर खिलाया गया है. हालांकि इसमें कोई संदेह नहीं है कि साहा, पन्त की तुलना में अधिक बेहतर विकेटकीपर है.
विकेट के पीछे अभी तक पन्त अपनी ज्यादा छाप नहीं छोड़ सके हैं. संजय मांजरेकर को भी ऐसा लगता है कि अगर ऋषभ ऐसी ही गलतियां करते रहे तो उनको अपने काम पर ध्यान केंद्रित करने का मौका नहीं मिलेगा. मांजरेकर ने कहा कि अगर वह भारतीय कप्तान होते तो पंत को सलाह देते कि वे शट-डाउन करें और यदि टीम में बने रहना है तो विकेट कीपिंग पर अधिक ध्यान दें.
संजय मांजरेकर ने अपने बयान में कहा, ”अगर आप स्पिनर के खिलाफ कैच छोड़ते देखते हैं तो मुझे लगता है कि यह उनकी तकनीक से अधिक ध्यान केंद्रित करने में समस्या है. बहुत अधिक विक्षेपण नहीं था, और जब गेंद आती है और अपने दस्ताने को मारती है, तो इसका मतलब है कि उसका दिमाग कहीं और था.”
उन्होंने सोनी स्पोर्ट्स से बात करते हुए कहा, ‘’जब वह विकेटों के पीछे से बात करता है और अश्विन को सलाह देता है, तो मुझे चिंता होती है कि उसे कम बात करनी चाहिए और अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए क्योंकि ध्यान में रखते हुए सबसे बड़े फॉक्स की आवश्यकता होती है. अगर बात करते समय, वह ध्यान केंद्रित कर सकता है और कैच ले सकता है, तो मुझे कोई समस्या नहीं है. अगर मैं उसका कप्तान होता, तो मैं उसे अपना मुँह बंद रखने, आँखें खोलने और अधिक ध्यान केंद्रित करने के लिए कहता.’’
ख़ैर ये कोई पहला मौका नहीं है, जब ऋषभ पन्त की विकेट कीपिंग पर सवालियां निशान उठे हो. इससे पहले भी कई बार उनकी कीपिंग को लेकर आलोचना होती रही है. क्रिकविज की एक रिपोर्ट के अनुसार, पन्त का सफलता प्रतिशत 93% है, जबकि स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ उन्होंने 56% कैच टपकाए हैं.
दिल्ली के युवा खिलाड़ी को आक्रामक बल्लेबाजी के लिए जाना जाता है, लेकिन अगर उनको टीम में बने रहना है तो अपनी कीपिंग पर वाकई में ध्यान लगाना होगा.