ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच गाबा, ब्रिस्बेन टेस्ट की शुरुआत हो चुकी है. इस मैच में रविचंद्रऩ अश्विन की जगह प्लेइंग इलेवन में कुलदीप यादव को शामिल नहीं किया गया. इसपर पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज अजीत अगरकर का मानना है कि इस वजह से कुलदीप यादव बेहद निराश होंगे, कि उन्हें इस वक्त नहीं खिलाया गया.
सिडनी टेस्ट मैच के दौरान आर अश्विन मांसपेशियों में खिंचाव के चलते परेशान नजर आए थे और चौथे टेस्ट मैच वो फिट ना होने के चलते अंतिम एकादश में जगह बनाने में नाकामयाब रहे और उनके स्थान पर चुने जाने के प्रबल दावेदार कुलदीप यादव को भी टीम मैनेजमेंट ने नज़रअंदाज किया और टी नटराजन ने उनकी जगह ली.
टीम में टी नटराजन और वाशिंगटन सुंदर को डेब्यू करने का मौका मिला. इन दोनों युवा खिलाड़ियों के साथ-साथ टीम में जसप्रीत बुमराह के स्थान पर शार्दुल ठाकुर को भी अंतिम ग्यारह का टिकेट किया. ब्रिस्बेन टेस्ट में टीम इंडिया को ना चाहते हुए भी कई बदलाव करने पड़े. टीम में हनुमा विहारी के स्थान पर मध्यक्रम में मयंक अग्रवाल को मौका मिला. वहीं सुन्दर ने रविन्द्र जडेजा की जगह ली.
इस बात में कोई शक नहीं है, कि प्लेइंग इलेवन में जगह ना मिलने से कुलदीप वाकई में निराश हुए होगे. हालांकि ऐसा माना जा सकता है कि टीम में सुंदर का चयन इसलिए किया क्योंकि वो बल्लेबाजी भी कर सकते हैं. वाशिंगटन ने अपने चयन को गलत साबित नहीं होने दिया और मेजबान टीम के दिग्गज बल्लेबाज स्टीव स्मिथ को आउट कर अपने करियर की पहली विकेट हासिल की.
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज शेन वार्न भी हैरान थे कि कुलदीप को टीम में जगह क्यों नहीं मिली. 2018-19 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम के हेड कोच रवि शास्त्री ने कहा था कि कुलदीप यादव विदेशी परिस्तिथियों टीम में मुख्य स्पिनर होंगे. लेकिन ब्रिस्बेन में उनको दूसरे स्पिनर के तौर पर भी नहीं देखा गया.
ऑस्ट्रेलिया के पिछले दौरे पर जब कुलदीप ने सिडनी टेस्ट में पांच विकेट लिए थे, तब शास्त्री ने क्रिकबज से कहा था, ”वो विदेश में टेस्ट मैच खेले और पांच विकेट लिए, इसलिए वह हमारा प्राथमिक विदेशी स्पिनर बन जाता है. आगे हमें अगर एक ही स्पिनर खिलाना होगा तो हम उनको ही शामिल करेंगे. हर किसी के लिए एक समय होता है, लेकिन अब कुलदीप हमारे फ्रंटलाइन नंबर एक विदेशी स्पिनर हैं.”
अजित अगरकर ने सोनी नेटवर्क से बात करते हुए कहा, ”कुलदीप बहुत निराश होंगे, उन्हें गाबा टेस्ट खेलना चाहिए था. सीरीज के अंतिम टेस्ट मैच में वो टीम के नंबर-1 स्पिनर होते और मेरे ख्याल में उन्होंने इस सीरीज में एक भी टेस्ट नहीं खेला? अगर आप पांच गेंदबाजों के साथ जा रहे हैं, ला जाहिर है कि आप अनुभव की ओर जरुर देखेंगे, लेकिन यह श्याद थोड़ी सी चूक हो गयी.”
बता दे, कि कुलदीप यादव ने अभी तक कुल छह टेस्ट मैच खेले हैं और 24.1 की औसत के साथ 24 खिलाड़ियों को पवेलियन का रास्ता दिखाया है. 2017 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गये धर्मशाला टेस्ट में यादव ने अपने टेस्ट करियर का आगाज किया था औअर शानदार गेंदबाजी करते हुए चार विकेट अपनी झोली में डाले थे.