मंगलवार का दिन भारतीय क्रिकेट इतिहास में हमेशा हमेशा के लिए दर्ज हो गया. ब्रिस्बेन में खेला गया बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी का चौथा और अंतिम टेस्ट मैच टीम इंडिया ने तीन विकेट से जीतकर अपने नाम किया. गाबा के मैदान पर भारत की टेस्ट फॉर्मेट में सबसे पहली जीत भी रही. साथ ही सन 1988 के बाद ये पहला ऐसा मौका रहा, जब मेजबान ऑस्ट्रेलियाई टीम को ब्रिस्बेन में हार का मुहं देखना पड़ा हो.
भारत को ब्रिस्बेन टेस्ट जीताने में स्टाइलिश विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने एक अहम भूमिका निभाई. ऋषभ ने पांचवें क्रम पर बल्लेबाजी करते हुए मात्र 138 गेंदों में शानदार 89 रनों की नाबाद पारी खेली. अपनी इस मैच जीताऊ पारी के दौरान विकेटकीपर बल्लेबाज ने 9 चौके और एक गगनचुम्बी छक्का भी लगाया और 328 रनों के विशाल लक्ष्य को हासिल कर ही चैन की सांसे ली.
इस बात में इंकार नहीं किया जा सकता कि ऋषभ पंत की विकेटकीपिंग और उनकी अटैकिंग बल्लेबाजी हमेशा सवालों के घेरे में रहती है, लेकिन इस बात को भी दरकिनार नहीं किया जा सकता कि उन्होंने ब्रिस्बेन में अपने करियर की सबसे यादगार पारी खेली.
गाबा में नाबाद 89 रन बनाने से पहले सिडनी टेस्ट मैच को ड्रॉ कराने में भी ऋषभ ने एक सबसे अहम भूमिका निभाई थी. ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध खेले गए तीसरे टेस्ट में ऋषभ पंत ने काबिले ए तारीफ बल्लेबाजी करते हुए बेहतरीन 97 रन बनाए थे और टीम इंडिया को मुकाबले में वापस ला खड़ा किया था.
ब्रिस्बेन में नाबाद 89 रन बनाने के साथ ही उनको ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ के अवार्ड से भी सम्मानित किया गया. मैच के बाद ऋषभ पंत ने अपने बयान में कहा, कि ये दिन उनके करियर के सबसे दिनों में से एक रहा. पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन के दौरान उन्होंने अपने कहा, “यह मेरे जीवन का अभी तक सबसे बड़ा पल है. मैं इस बात से खुश हूं कि सपोर्ट स्टाफ और मेरी टीम के सभी साथियों ने तब मेरा साथ दिया जब मैं खेल नहीं रहा था. यह सपने जैसी सीरीज रही है.”
ऋषभ पंत ने आगे कहा, “टीम प्रबंधन ने हमेशा मेरा साथ दिया और हमेशा कहा कि आप मैच विजेता खिलाड़ी हो और आपको टीम के लिए मैच जीतने हैं. मैं हर दिन सोचता रहता था कि मुझे भारत के लिए मैच जीतने हैं और यह मैंने आज किया.”
आप सभी की जानकारी के लिए बता दे कि, पूरी सीरीज के तीन टेस्ट मैचों में 23 वर्षीय खिलाड़ी ने 68.50 की शानदार औसत के साथ कुल 274 रन बनाए. टीम इंडिया को एक यादगार मैच जीतने के लिए पंत ने चेतेश्वर पुजारा, मयंक अग्रवाल और वाशिंगटन सुंदर के साथ अहम साझेदारियां भी बनाई.
ऑस्ट्रेलिया को धूल चटाने के बाद अब भारतीय टीम घरेलू सरजमीं पर इंग्लैंड से दो दो हाथ करती नजर आएगी.
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