ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच खेली गई चार टेस्ट मैचों की बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी मंगलवार को समाप्त हो गई. दोनों देशों के बीच ब्रिस्बेन में गाबा के मैदान पर चौथा और अंतिम मुकाबला खेला गया था, जिसे टीम इंडिया ने बेहद ही रोमांचक अंदाज में जीतकर अपने नाम किया. गाबा टेस्ट जीतने के लिए भारत के सामने 328 रनों का लक्ष्य था, जिसे टीम ने सात विकेट खोकर अपने नाम किया और लगातार तीसरी बार बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी अपने नाम की.
भारत की नायाब जीत के बाद ऑस्ट्रेलियाई कप्तान टिम पेन ने अपने बयान में कहा कि, टीम इंडिया ने मेजबान टीम को हर एक विभाग में धूल चटाई. ब्रिस्बेन में इस टेस्ट मैच से पहले भारतीय टीम का ट्रैक रिकॉर्ड बेहद ही खराब था और टीम ने अपने खेले छह टेस्ट मैचों में एक में भी जीत दर्ज नहीं की थी और साथ ही ऑस्ट्रेलिया भी इस मैदान पर 1988 के में कोई टेस्ट नहीं हारा था.
मगर मंगलवार का दिन वाकई में हमेशा हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया. गाबा टेस्ट की पहली पारी में एक समय टीम इंडिया का स्कोर 186/6 था, लेकिन तभी शार्दुल ठाकुर और वाशिंगटन सुंदर ने सातवें विकेट के लिए शानदार 123 रनों की शतकीय साझेदारी कर भारत को मुकाबलें में वापस ला खड़ा किया. सुन्दर और ठाकुर के बीच निभाई गई साझेदारी ने इस पूरे टेस्ट की तस्वीर को ही बदलकर रख दिया.
बाद में लक्ष्य का पीछा करते हुए ऋषभ पंत ने नाबाद 89 रन बनाने के साथ साथ टीम इंडिया की नई दीवार बन चुके चेतेश्वर पुजारा ने भी बेहतरीन 56 रनों की योगदान दिया. टिम पेन ने पूरी टेस्ट सीरीज में अपने शानदार प्रदर्शन का श्रेय भारतीय टीम को दिया.
मैच के बाद ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के कप्तान टिम पेन ने पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन के दौरान अपने बयान में कहा, “हम यहाँ सीरीज़ जीतने के लिए ही खेल रहे थे, लेकिन भारतीय टीम की अनुशासित और बेहतरीन क्रिकेट के सामने हमें कोई मौका ही नहीं मिला. वो वाक़ई में इस जीत के हक़दार हैं. हमें अपनी कई चीज़ों और तकनीक पर एक बार फिर से ध्यान देना पडेगा. पूरे वाक़ये पर हमें एक टीम की तरह काम करना होगा. क्योंकि ऐसे कई सेक्शन हैं जहाँ हम को सुधार की ज़रूरत है.”
उन्होंने आगे कहा, “हम भारत के लिए 300 से ज़्यादा का लक्ष्य रखना चाहते थे, ताकि हम जीत सकें. लेकिन आज़ भारतीय टीम ने जिस जज़्बे के साथ गेंदों को सर, हाथ और सीने पर खेलते हुए जीत दर्ज की है वो देखने लायक था. बात करुं मैं अपनी विकेटकीपंग की तो वो मेरा काम है, लेकिन फिलहाल मुझे उसमें सुधार की ज़रूरत है. बाकी इस शानदार सीरीज़ का पूरा श्रेय भारतीय टीम को जाता है.”
इस बात में कोई शक नहीं है कि भारतीय टीम की ये जीत उनके अभी तक के क्रिकेट इतिहास की सबसे यादगार जीत में से एक रही और भला ऐसा हो भी क्यों ना टीम इंडिया ने ये श्रृंखला अपने स्टार खिलाड़ियों के बिना जो जीतकर दिखाई. इस सीरीज में विराट कोहली और मोहम्मद शमी ने सिर्फ पहला टेस्ट खेला था, जबकि अंतिम मुकाबलें में टीम के मुख्य खिलाड़ी आर अश्विन और जसप्रीत बुमराह चोट के चलते बेंच पर ही बैठे नजर आए थे. ऐसे में गाबा टेस्ट जीतना किसी बड़े कारनामे से कम नहीं है.