भारतीय टीम के आक्रामक बल्लेबाज ऋषभ पंत को नंबर पांच पर भेजे जाने पर ऑस्ट्रेलिया के पूर्व सफल कप्तान रिकी पोंटिंग ने अजिंक्य रहाणे व टीम मैनेजमेंट की तारीफ की. उनका मानना है कि पंत का ऊपर आकर बल्लेबाजी करना एक मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ और भारत ने मैच ड्रॉ कराने में सफलता हासिल की.
विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत को सिडनी टेस्ट की पहली पारी में कोहनी में चोट लगी थी. जिसके चलते वह विकेटकीपिंग के लिए तो मैदान पर नहीं आ सके. लेकिन जब भारत को उनकी जरुरत थी, तब वह दूसरी पारी में बल्लेबाजी के लिए मैदान पर नंबर-6 के बजाए नंबर-5 पर बल्लेबाजी के लिए आए.
ये देखकर पहले हर किसी को हैरानी हुई, मगर मैच खत्म होने के बाद कप्तान अजिंक्य रहाणे ने इसके पीछे लेफ्ट-राइट कॉम्बिनेशन खिलाड़ियों के मैदान पर होने की बात कही. असल में पांचवें दिन की शुरुआत में ही रहाणे आउट हो गए, जिसके बाद उन्होंने ऋषभ पंत को ऊपर प्रमोट किया और चेतेश्वर पुजारा के साथ बल्लेबाजी करने के लिए मैदान पर भेजा.
लेफ्ट-राइडट वाली रणनीति काम आई और पंत ने 97 रनों की आक्रामक पारी खेलकर मैच का रुख पलट दिया. पंत ने ऑस्ट्रेलिया के सभी गेंदबाजों पर हमला किया, लेकिन ऑफ स्पिनर नाथन लियोन को उन्होंने 3 छक्के लगाए. हालांकि लियोन ने पंत को दो बार कैच आउट करने में फंसा लिया था, मगर विकेटकीपर टिम पेन वह कैच नहीं पकड़ सके.
रिकी पोंटिंग ने ऋषभ पंत को लेकर कहा “ऋषभ पंत को बैटिंग ऑर्डर में ऊपर भेजा गया और ये काफी बेहतरीन कप्तानी या कोचिंग रही. भारत को मैच में बने रहने के लिए ऐसा करना जरुरी था. हालांकि लक भी पंत के साथ था क्योंकि टिम पेन ने उनके कई कैच छोड़े लेकिन उन्होंने बैटिंग भी काफी अच्छी की और उनके पास वो स्किल है. वो एक पूरी तरह टेस्ट बल्लेबाज हैं. कई सारे कमेंटेटर कह रहे थे कि वो सिर्फ बल्लेबाज के तौर पर इंडियन टीम में खेल सकते हैं और ऋद्धिमान साहा विकेटकीपिंग करें.”
पोंटिंग ने पंत को लेकर आगे कहा ” उन्हें बैटिंग ऑर्डर में ऊपर भेजना मास्टर स्ट्रोक साबित हुआ, हालांकि इसके बावजूद उन्हें वहां जाकर अच्छी बल्लेबाजी करनी थी और उन्होंने ऐसा किया भी. उन्होंने अपने ही स्टाइल में बैटिंग की. उनकी पारी में स्वैग और कॉन्फिडेंस था। नाथन लियोन के खिलाफ उन्होंने बाउंड्री पर फील्डर होने के बावजूद रन बनाए. मैंने सीरीज की शुरुआत से पहले कहा था कि ऋषभ पंत के पास अगले 10-12 साल के लिए खुद को भारत के विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में स्थापित करने का बढ़िया मौका है और उनकी ये पारी उन्हें काफी दूर तक ले जाएगी.”
भारतीय टीम के सामने सिडनी टेस्ट की दूसरी पारी में 407 रनों का लक्ष्य था. जहां पांचवें दिन भारत को 309 रन बनाने थे. भले ही भारतीय टीम इस मैच को जीत ना सकी हो, मगर खिलाड़ियों ने जिस तरह से मैदान पर डटकर मैच को ड्रॉ किया, वह भारत के लिए किसी जीत से कम नहीं रहा.
भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच सीरीज का पांचवां मैच 15 जनवरी से गब्बा, ब्रिस्बेन में खेला जाएगा.