भारतीय टीम के ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने सिडनी टेस्ट मैच की दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों की गेंद खाते हुए, चोटिल हालत में क्रीज पर डटे रहे और भारत के लिए सिडनी टेस्ट को ड्रॉ करने में खास भूमिका अदा की. अपनी इस पारी से अश्विन बेहद संतुष्ट हैं और उन्होंने खुलासा किया कि वह इस तरह की फाइट के लिए पूरी तरह तैयार थे.
सिडनी टेस्ट मैच में एक वक्त आ गया था कि मैच को ड्रॉ करने की भी उम्मीद नजर नहीं आ रही थी. मगर भारत के लिए सिडनी टेस्ट में रविचंद्रन अश्विन व हनुमा विहारी ने ऐतिहासित ड्रॉ तक पहुंचाकर ना सिर्फ केवल अपनी काबिलियत साबित की, बल्कि उन्होंने जिस हालत में खेला, उसके लिए उनकी जितनी तारीफ की जाए कम होगी.
अश्विन ने फॉक्स स्पोर्ट्स से बात करते हुए कहा, “मुझे लगा कि कमिंस पूरी तरह से एक अलग लीग में गेंदबाजी कर रहे थे, खासकर जब दूसरी नई गेंद उनके हाथ में आई. लेकिन मैं इस लड़ाई के लिए तैयार था. मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से ये पारी बहुत महत्वपूर्ण थी क्योंकि मैंने पिछले 18 महीनों में कुछ खास रन नहीं बनाए लेकिन मैंने नेट्स में अच्छी बल्लेबाजी की. मैंने खुद को रन आउट करने से पहले पहली पारी में भी अच्छी बल्लेबाजी की. इसलिए बीच में कुछ समय बिताना अच्छा रहा.”
अश्विन व हनुमा दोनों के लिए ही प्लेइंग इलेवन में शामिल होना अहम होता है क्योंकि इन दोनों खिलाड़ियों की जगह हमेशा खतरे में रहती है. पिछले कुछ वक्त से ऑफ स्पिनर के बल्ले से कुछ खास रन नहीं बन सके थे, मगर सिडनी टेस्ट ने सब कुछ बदल कर रख दिया है.
अश्विन और विहारी ने चोटिल हालत में लगभग साढ़े तीन घंटे क्रीज पर बिताए और मिलकर 259 गेंदें खेलीं और भारत को एक ऐतिहासिक ड्रॉ दिलाया. मैच खत्म होने के बाद अश्विन की पत्नी पृथी ने ट्वीट करके खुलासा किया कि पांचवें दिन से पहले की रात को यह स्टार स्पिनर पीठ दर्द से परेशान था.
उन्होंने लिखा- “कल रात उनकी पीठ में बहुत तेज दर्द था. आज सुबह जब वह जागे तो सीधे खड़े नहीं हो पा रहे थे. वह अपने जूतों के फीते बांधने के लिए झुक नहीं पा रहे थे. मैं हैरान हूं कि अश्विन ने आज ऐसा कैसे कर दिया.”
इसके जवाब में अश्विन ने उन्हें उनके साथ खड़े रहने के लिए शुक्रिया अदा किया था.