भारतीय क्रिकेट टीम के नंबर तीन बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने ऑस्ट्रेलिया के साथ खेली गई बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में खुद को एक बार फिर दीवार के रूप में स्थापित किया. गाबा टेस्ट मैच में तो पुजारा के शरीर पर कई गेंदें लगी थी, जिसके चलते वह चोटिल भी हुए थे. अब पुजारा ने खुलासा किया है कि उन्होंने विकेट बचाने के लिए गेंदों को शरीर पर लेने का फैसला किया था.
1-1 बराबरी के साथ भारत – ऑस्ट्रेलिया ने गाबा टेस्ट मैच में प्रवेश किया था. जहां, दूसरी पारी में भारत के सामने 328 रनों का विशाल लक्ष्य था. भारत को इस मैच में पहला झटका रोहित शर्मा सिर्फ 7 रन बनाकर आउट हो गए. तब क्रीज पर आए टेस्ट स्पेसलिस्ट बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा.
पुजारा ने पहले युवा सलामी बल्लेबाज के साथ शतकीय साझेदारी की और गिल के आउट होने के बाद भी दाएं हाथ के बल्लेबाज क्रीज पर टिके रहे. ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज विकेट निकालने के लिए लगातार छोटी गेंद का इस्तेमाल कर रहे थे, जिसका सामना पुजारा ने निडरता के साथ किया.
पुजारा ने अपनी पारी में 21 गेंदों पर 56 रन बनाए. पारी के दौरान पुजारा को गेंद कभी कोहनी पर लगी, कभी हाथ में तो कभी हेलमेट में. जोश हेजलवुड की गेंद पर पुजारा के हाथ पर जोर से चोट लगी थी, जिसके बाद वह मैदान पर ही लेट गए थे. मगर उन्होंने एक बार फिर डटकर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों का सामना किया और लगातार शरीर पर गेंद लगती रहीं, मगर पुजारा का दृढ संकल्प अपना विकेट बचाकर रखना और भारत को जीत दिलाना था.
जिसमें वह कामयाब भी हुए. गाबा टेस्ट में मिली 3 विकेटों से जीत में पुजारा का महत्वपूर्ण योगदान था, जिसकी आज चारों तरफ तारीफें हो रही हैं. अब पुजारा ने खुलासा किया है कि उन्होंने विकेट बचाने के लिए गेंदों को शरीर पर लेने का फैसला किया था.
“मैं ज्यादातर पैट कमिंस की गेंद से हिट हुआ. पिच पर यह दरार शॉर्ट-ऑफ-लेंथ स्पॉट के चारों ओर थी, जहां से गेंद अभी जाती है. कमिंस के पास गेंद को वहां से पीछे करने और उसे अपने पीछे करने का टैलेंट है. अगर मैं अपना हाथ बचाव करने के लिए ऊपर ले जाऊं, तो जोखिम था कि मेरे ग्लव्स गेंद पर लग सकते थे. मैच की स्थिति को देखते हुए, जबकि मैं जानता था कि हम विकेट नहीं गंवा सकते, तो मैंने गेंद को अपने शरीर पर लेने वा फैसला किया.”
गाबा टेस्ट में पुजारा ने 211 गेंदों का सामना किया और इसी के साथ वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 200 से अधिक गेंदों का सबसे अधिक बार सामना करने वाले बल्लेबाज बन चुके हैं. पुजारा ने 6 बार ये कारनामा किया है.