भारत ने ऑस्ट्रेलिया के साथ खेली जा रही बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज में जिस तरह से सिडनी टेस्ट मैच को ड्रॉ किया, उसकी चर्चा लंबे वक्त तक क्रिकेट फैंस व दिग्गजों के बीच चलती रहेगी. इस मैच के खत्म होने के बाद ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने आक्रामक बल्लेबाज ऋषभ पंत की तारीफ की और उनकी पारी को बेहद खास बताया.
सिडनी टेस्ट में दूसरी पारी में भारत को 407 रनों का लक्ष्य मिला था. वहीं पांचवें दिन भारत को जीत के लिए 309 रन बनाने थे. जो किसी भी टीम के लिए आसान नहीं होने वाला था. ऐसे में कप्तान अजिंक्य रहाणे के आउट होने के बाद ऋषभ पंत क्रीज पर आए. जहां, उन्होंने अनुभवी खिलाड़ी चेतेश्वर पुजारा के साथ मिलकर मैच का रुख ही बदल दिया.
रहाणे के आउट होने के बाद जब पंत मैदान पर आए, तब स्कोर 102-3 था. फिर पंत ने अपनी शैली में बल्लेबाजी की और 118 गेंदों में 97 रनों की पारी खेलकर भारत को जीत की उम्मीद दी. पहली पारी के दौरान पंत 36 रन पर आउट हुए थे और उन्हें कोहनी पर चोट आई थी. जिसके बाद वह विकेटकीपिंग के लिए भी मैदान पर नहीं उतरे थे.
मगर जब टीम को उनकी जरुरत पड़ी, तो वह बल्लेबाजी के लिए मैदान पर उतरे भी और एक यादगार पारी भी खेली. रविचंद्रन अश्विन ने ऋषभ पंत की पारी की तारीफ करते हुए कहा,
“अंतिम पारी में 400 का पीछा करते हुए गेंद के ऊपर – नीचे जाते हुए कभी आसान नहीं था. लेकिन ऋषभ पंत से मिली पारी ने हमें वास्तव में मैच में वापस लाया, वह इस तरह का खिलाड़ी है. वह काफी इलेक्ट्रिक है, वह आपको उत्साहित करता है. आप उसे बैटिंग करते हुए ड्रेसिंग रूम में कभी नहीं देखना चाहते, क्योंकि अगर आप विपक्षी ड्रेसिंग रूम में हैं तो आप सोच रहे हैं कि आप उसका विकेट चाहते हैं. लेकिन हम यह सोचकर बैठे हैं कि उसे कम शॉट खेलने चाहिए.हर समय टेंकरहुक पर आप रहते हैं, लेकिन उस पारी ने हमें मैच में स्थापित किया.”
इस बीच, अश्विन ने भी स्वीकार किया कि पुजारा और पंत के आउट होने के बाद जीत हासिल करना बेहद मुश्किल हो गया था, क्योंकि हनुमा विहारी को हैमस्ट्रिंग इंजरी हुई थी. इतना ही नहीं खुद अश्विन भी पूरी तरह फिट नहीं थे, ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की शॉर्ट पिच गेंद उन्होंने अपनी छाती पर खाई. इन सबके चलते भारत को डिफेंसिव मोड में खेलकर मैच को ड्रॉ तक ले जाना पड़ा.
“हमने पंत और पुजारा को बैक टू बैक खो दिया था, जिसके चलते चीजें मानो वापस होने लगी थी. कल शाम मेरी पीठ में दर्द था और विहारी हैमस्ट्रिंग से जूंझ रहे थे, इसलिए उसके बाद जीत के लिए जाना हमारे लिए बहुत मुश्किल था.”
भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच आखिरी टेस्ट मैच 15 जनवरी से ब्रिस्बेन में खेला जाएगा.