भारत का ऑस्ट्रेलिया दौरा काफी अच्छा रहा. वनडे सीरीज गंवाने के बाद भारत ने T20I सीरीज जीती और फिर बॉर्डर-गावस्कर सीरीज को 2-1 से रिटेन करके इतिहास रच दिया. इस दौरे पर कई ऐसे पल आए, जिसने आपके दिल को छुआ होगा. अब पूर्व भारतीय बल्लेबाज संजय मांजरेकर ने ऑस्ट्रेलिया दौरे के टॉप-3 पल चुने हैं.
भारत के लिए ये ऑस्ट्रेलिया दौरा हमेशा-हमेशा के लिए यादगार रहेगा. ना केवल सीरीजों में मिली जीत के लिए बल्कि जिस तरह से इंडिया ने फाइट बैक किया, उसके लिए भी. संजय मांजरेकर ने पहले पल के लिए मेलबर्न टेस्ट मैच में मिली जीत को चुना है. बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच जीतने से पहले भारत को एडिलेट में शर्मसार कर देने वाली हार मिली थी, जिसमें पूरी टीम 36 रन पर ऑलआउट हो गई थी.
मांजरेकर ने सोनी स्पोर्ट्स से बात करते हुए कहा, “मेरा पहला पल, मैच 36 पर ऑल आउट होना और फिर मेलबर्न में वापसी करना है. 1974 में जब भारत 42 रन पर ऑल आउट हो गया, तो हम अगला टेस्ट मैच एक पारी और 74 रन से हार गए. लेकिन यहां हम जीत के लिए आगे बढ़े. मेलबर्न में अगला मैच जीता. यह एक ऐतिहासिक क्षण था क्योंकि इससे पहले एक ऐतिहासिक नुकसान हुआ था.”
मांजरेकर के दौरे का दूसरा पसंदीदा पल तब था जब रवींद्र जडेजा ने सिडनी टेस्ट में स्टीव स्मिथ को रन-आउट किया और स्मिथ का विकेट भारत को तोहफे के रूप में दिया. मांजरेकर ने इस पल को याद करते हुए कहा,
“मेरा दूसरा सबसे खास पल था, जब रवींद्र जडेजा के डायरेक्ट हिट ने स्टीव स्मिथ को रन आउट किया था. जिसे मैं लंबे समय तक याद रखूंगा. यह लगभग एक असंभव रन-आउट था जो जडेजा ने किया. मैं कमेंट्री कर रहा था तब मैं बहुत उत्साहित हो गया था, इसलिए तब से ये मेरे दिमाग में बस गया. डायरेक्ट हिट और सबसे तेज थ्रो.”
संजय मांजरेकर ने हार्दिक पांड्या द्वारा किए लिमिटेड ओवर सीरीज में प्रदर्शन को अपने इन तीनों पलों में सबसे ऊपर रखा. ऑलराउंडर खिलाड़ी ने T20I सीरीज में 39 के औसत से 78 रन बनाए. वनडे सीरीज में तो हार्दिक के बल्ले ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की छुट्टी कर दी और उन्होंने 105 के औसत से 210 रन बनाए, जिसके लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द सीरीज से सम्मानित किया गया.
“मेरा तीसरा क्षण हार्दिक पांड्या की सीमित ओवरों की सीरीज में एक शुद्ध बल्लेबाज के रूप में सफलता हासिल करना है. हमने आईपीएल में देखा था कि वह टी 20 में एक शुद्ध बल्लेबाज के रूप में खेल सकते हैं, लेकिन एक सवाल था कि क्या वह 50 में एक शुद्ध बल्लेबाज के रूप में खेल सकते हैं.” लेकिन इस दौरे पर, हमें निश्चित रूप से पता चला कि हार्दिक पांड्या 50 ओवर के क्रिकेट में एक शुद्ध बल्लेबाज के रूप में खेल सकते हैं.“
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