ऑस्ट्रेलिया के साथ खेली बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज में भारतीय क्रिकेट टीम को मिली ऐतिहासिक जीत दिलाने में चेतेश्वर पुजारा का अहम योगदान रहा. इसके लिए अब पूरी क्रिकेट बिरादरी पुजारा की तारीफ करते नहीं थक रही है. पूर्व भारतीय ओपनर सुनील गावस्कर का मानना है कि आप पुजारा के बारे में जितना भी कुछ कह लें, वह कम ही होगा.
गाबा टेस्ट मैच में चेतेश्वर पुजारा ने एक बार फिर खुद को विकेट के सामने खड़ी भारतीय टीम की दीवार साबित किया. ब्रिस्बेन टेस्ट के आखिरी दिन जब ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज शॉर्ट पिच गेंद से पुजारा पर हमला कर रहे थे, तब भी वह वहीं डटकर खड़े रहे. कंगारु गेंदबाजों की गेंद पुजारा की कोहनी, हेलमेट व हाथ पर कई बार लगी.
एक दफा तो पुजारा दर्द के चलते मैदान पर ही लेट गए, लेकिन फिर खड़े होकर वह विकेट के सामने आए. पुजारा ने गाबा टेस्ट में 211 गेंदों का सामना किया और बल्ले से 56 रन की अर्धशतकीय पारी खेली.
रोहित शर्मा के जल्दी आउट होने के बाद शुभमन गिल और चेतेश्वर पुजारा ने दूसरे विकेट के लिए 114 रनों की पार्टनरशिप की. गिल 91 रन पर आउट हुए. सुनील गावस्कर ने पुजारा के प्रदर्शन को देखकर सोनी स्पोर्ट्स से बात करते हुए कहा,
“आप उनके बारे में जो भी कहेंगे, वह बहुत कम होगा. उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए अपनी जान लगा दी थी. उन्होंने दस्ताने, शरीर पर कई गेंदें खाईं और हेलमेट पर भी चोट लगी, लेकिन वह रुके नहीं.”
“दूसरे छोर पर मौजूद होने के कारण, युवा खिलाड़ी, जो आक्रामक खेल खेलते हैं, उन्हें विश्वास होता है कि कोई ऐसा व्यक्ति है जो एक छोर पर है और उसकी पारी बेहद महत्वपूर्ण है.”
“अगर भारतीय क्रिकेट टीम लंच और चाय के बीच एक से अधिक विकेट गंवा देती, तो शायद उन्हें अधिक कठिनाई का सामना करना पड़ता. उन्होंने दूसरी नई गेंद तक खुद को क्रीज पर बनाए रखा, जिसने ऋषभ पंत को विश्वास दिलाया और फिर आप देख ही सकते हैं क्या हुआ. वाकई यह एक अद्भुत दिन है.”
चेतेश्वर पुजारा ने चोटिल होने के बाद भी कंगारु गेंदबाजों के सामने खड़े रहे, उनके साहस को पूरी क्रिकेट बिरादरी व फैंस सराह रहे हैं. पुजारा ने इस सीरीज में 33.88 की औसत व 29.20 की स्ट्राइक रेट के साथ आठ पारियों में 271 रन बनाए.
भारत ने गाबा टेस्ट मैच को 3 विकेट से जीतकर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी को रिटेन किया है.