भारती टीम के मंझे हुए टेस्ट बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने खुलासा किया है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच में एससीजी में ड्रॉ के लिए तैयार होने के दौरान ड्रेसिंग रूम का माहौल काफी तनावपूर्ण था. इसका मुख्य कारण यही था कि भारत के सामने 407 रनों का विशाल लक्ष्य था और 8 विकेट हाथ में लेकर भारत ने 98-2 के स्कोर से पांचवें दिन की शुरुआत की थी.
पांचवें दिन की शुरुआत में ही कप्तान अजिंक्य रहाणे सिर्फ पर ही आउट हो गए. मगर इसके बाद ऋषभ पंत व चेतेश्वर पुजारा के बीच एक बेहतरीन साझेदारी हुई, जिसमें दोनों खिलाड़ियों ने 148 रन बनाए. वह दृष्य वाकई टेस्ट क्रिकेट की खूबसूरती बयां कर रहा था, एक छोर से पंत अपना अग्रेसिव गेम खेल रहे थे, तो वहीं पुजारा डिफेंसिव गेम से विकेट रोके रखना चाहते थे.
पंत के 97 रनों पर आउट हो गए. इसके बाद चेतश्वर पुजारा 205 बॉल्स पर 77 रन बनाकर आउट तो हुए, लेकिन इन दोनों खिलाड़ियों ने मैच को ड्रॉ की तरफ आगे बढ़ा दिया था. इनके आउट होने के बाद भारतीय टीम को ड्रॉ की लकीर भी काफी दूर लगने लगी थी, लेकिन रविचंद्रन अश्विन और हनुमा विहारी ने भारत को एक यादगार ड्रॉ में ले जाने के लिए मैदान पर अपनी जान झोंक दी.
अश्विन ने 128 गेंदों का सामना किया जबकि विहारी ने 161 गेंदें खेलीं और ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को विकेट नहीं निकालने दिया. भारत के इस यादगार ड्रॉ मैच को लेकर पुजारा ने सोनी स्पोर्ट्स नेटवर्क से बात करते हुए कहा,
“हमें काफी चिंता हो रही थी और हम काफी परेशान थे क्योंकि हम पूरी शिद्दत से इस मैच को ड्रॉ करना चाहते थे. क्योंकि जिस तरह से हमने शुरुआत की थी, एक समय ऐसा भी था जब हमारे पास मैच जीतने का बहुत अच्छा मौका था. लेकिन जब ऋषभ और मेरा विकेट गिरा तो जीत की संभावनाएँ थोड़ी कम हो गईं क्योंकि विहारी चोटिल हो गए थे और जड्डू भी फिट नहीं थे. इसलिए, हमारे पास बल्लेबाजी में बहुत अधिक गहराई नहीं थी.”
उन्होंने आगे कहा, “हमारे पास एकमात्र विकल्प एक ड्रॉ था और जिस तरह से हमने इसे हासिल किया वह एक बेहतरीन टीम एफर्ट था. सभी ने बहुत अच्छी बल्लेबाजी की और भले ही हम कल गेंदबाजी के बारे में बात करते हैं, भले ही हमने कई विकेट नहीं लिए हों, लेकिन गेंदबाजों ने उनकी तरफ से पूरा प्रयास किया.”
भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच सीरीज निर्णायक मैच अब 15 जनवरी से ब्रिस्बेन में खेला जाएगा.