भारतीय टीम के खिलाड़ियों के चोटिल होने का सिलसिला बरकरार है. मगर अब जो खिलाड़ी चोटिल हुआ है, उसके बिना भारतीय टीम के लिए टेस्ट मैच जीतना नामुमकिन हो सकता है. असल में पिछले कुछ वक्त से लगातार खबरें आ रही हैं कि बुमराह पेट की मांसपेशियों में खिंचाव से परेशान हैं और वह चौथा टेस्ट मैच नहीं खेल पाएंगे.
बुमराह ने सिडनी टेस्ट मैच की दूसरी पारी में फील्डिंग के दौरान पेट में मांसपेशियों में खिंचाव के संकेत दिए थे. मगर अब तक दिग्गज की इंजरी पर बीसीसीआई द्वारा कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है.
अब टीम के सूत्रों ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए बताया है कि बुमराह की चोट काफी गंभीर है और वह सोमवार को मुश्किल से चल पाए. इसलिए यदि टीम मैनेजमेंट बुमराह को ब्रिस्बेन टेस्ट खेलने के लिए कहती है, तो ये उनके लिए खतरा हो सकता है. अब यह एक चमत्कार होगा यदि बुमराह सीरीज के आखिरी मैच से पहले पूरी तरह से फिट हो सकें.
बीसीसीआई सूत्र ने पीटीआई को बताया, ”सिडनी में फील्डिंग करते हुए जसप्रीत बुमराह के पेट में खिंचाव आ गया था. सोमवार को मैच खत्म होने पर वह अच्छी स्थिति में नहीं दिख रहे हैं. बुमराह को गब्बा टेस्ट में खिलाना एक बड़ी कॉल होगी. वह सोमवार को मुश्किल से चल पा रहा था, ऐसे में यदि वह शुक्रवार के मैच से पहले पूरी फिटनेस हासिल कर लेते हैं, तो ये एक चमत्कार ही होगा.”
जसप्रीत बुमराह भारतीय टीम की तेज गेंदबाजी इकाई का नेतृत्व कर रहे हैं. इतना ही नहीं टीम के अनुभवी पेसर्स इशांत शर्मा, मोहम्मद शमी व उमेश यादव पहले से ही इंजरी के चलते टीम का हिस्सा नहीं हैं. ऐसे में यदि बुमराह ब्रिस्बेन टेस्ट नहीं खेल पाते हैं, तो ये भारत के लिए बड़ा झटका साबित होगा.
एनआई की एक रिपोर्ट में पहले कहा गया था कि यदि पेसर 50 प्रतिशत ठीक रहता है, तो भी वह खेल सकते हैं. मगर अब बुमराह का खेलना मुश्किल ही लग रहा है क्योंकि अगर उन्हें मैच में खिलाया जाता है और उनकी चोट मैच के बीच बढ़ जाती है तो ये भारत के लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है.
उन्होंने कहा, “टीम मैनेजमेंट की कॉल होगी, क्या वे बुमराह को चोटिल करने का जोखिम उठाने को तैयार हैं, क्या होगा अगर वह मैच के बीच में ही उनकी चोट बढ़ जाती है? इस प्रकार, यह बहुत कम संभावना है कि बुमराह गब्बा टेस्ट का हिस्सा हो.”
भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच 15 जनवरी से फाइनल टेस्ट मैच खेला जाएगा. मगर इससे पहले भारत के टीम मैनेजमेंट को प्लेइंग इलेवन का चुनाव करना है, जो बहुत मुश्किल होने वाला है.