भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व स्टार सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर का ऐसा मानना है कि ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच खेला गया बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का तीसरा मुकाबला टीम इंडिया अपने नाम कर सकती थी, अगर ऋषभ पंत थोड़ी देर और बल्लेबाजी कर लेते. सिडनी टेस्ट मैच में पंत ने अपनी कमाल की पारी से सभी को खासा मनोरंजित किया था. अपनी पारी के शुरुआत उन्होंने अपने खेल से एकदम विपरीत की थी और पहले पांच रन बनाने के लिए 36 गेंदों का सामना किया था.
इसके बाद पंत ने अपने चिर परिचित अंदाज में बल्लेबाजी की और मैदान के हर एक कोने में जमकर चौके और छक्के लगाए. ऋषभ ने मात्र 118 गेंदों का सामना करते हुए 97 रनों की यादगार पारी को अंजाम दिया. शतक से चुकने वाले पंत ने अपनी इस पारी के दौरान 12 चौके और तीन छक्के जमाए.
ऋषभ पंत ने चौथे विकेट के लिए अनुभवी चेतेश्वर पुजारा (77) के साथ बेहतरीन 148 रनों की साझेदारी भी निभाई. ऋषभ जब आउट हुए, उस समय टीम का स्कोर 250 रन था. वाकई में अगर वो कुछ समय और बल्लेबाजी कर लेते तो सिडनी टेस्ट का परिणाम टीम इंडिया के हक़ में आ सकता था.
स्टार स्पोर्ट्स के शो क्रिकेट कनेक्टेड पर गौतम गंभीर ने कहा, ‘’अविश्वसनीय!… मैच का परिणाम टीम के चरित्र को भी दर्शाता है. ऋषभ पंत ने वास्तव में अच्छी बल्लेबाजी की. जाहिर है, उन्होंने जिस तरह से बल्लेबाजी की, वो उनके खेल का असली अंदाज को दिखाता है. उन्होंने अपनी ताकत के अनुसार खेल दिखाया और शॉट्स लगाए.’’
उन्होंने आगे कहा, ‘’हां, लोग यह कह सकते हैं कि उस शॉट को खेलने की कोई जरूरत नहीं थी, लेकिन वह खेलते रहे और भारत को खेल में बनाए रखा. अगर उन्होंने कुछ अधिक समय तक बल्लेबाजी की होती तो भारत वास्तव में टेस्ट मैच जीतने के लिए आगे बढ़ सकता था, जो शायद अब तक की सबसे ऐतिहासिक जीत होती.’’
ऋषभ पंत के विकेट के बाद टीम की सभी उम्मीदें चेतेश्वर पुजारा पर थी, उन्होंने ऋषभ के आउट होने के बाद विकेट पर कुछ समय जरुर बिताया, लेकिन (77) के स्कोर पर जोम हेजलवुड की गेंद पर बोल्ड हो गए. इसके बाद हनुमा विहारी और आर अश्विन ने काबिले ए तारीफ खेल दिखाकर भारत के लिए मैच को ड्रा करा दिया.
विहारी ने 161 गेंदों में नाबाद 23 रन बनाए, जबकि अश्विन 128 गेंदों का सामना करते हुए 39 के स्कोर पर नाबाद लौटे. दोनों देशों के बीच अब अंतिम टेस्ट मैच शुक्रवार, 15 जनवरी से ब्रिस्बने में गाबा के मैदान पर खेला जाएगा.