भारतीय क्रिकेट टीम के स्टाइलिश युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत के नाम एक बड़ा कीर्तिमान दर्ज हो गया है. दरअसल, ऋषभ पंत टीम इंडिया के लिए टेस्ट फॉर्मेट में सबसे तेज 1,000 टेस्ट रन बनाने वाले खिलाड़ी बन गए हैं. पंत ने अपने 16वें टेस्ट मैच की 27वीं पारी के दौरान ये खास उपलब्धि अपने नाम की. पंत से पहले ये बड़ा रिकॉर्ड टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के नाम पर दर्ज था. धोनी ने 32 पारियों में अपने पहले एक हजार रन पूरे किए थे.
ऋषभ पंत ने ब्रिस्बेन टेस्ट की चौथी पारी के दौरान ये बड़ा रिकॉर्ड अपने नाम किया. पंत ने चौथी पारी में बस एक रन बनाने के साथ ही अपने पहले एक हजार रन पूरे किए. गाबा में भारत को मैच जीतने के लिए 328 रनों का विशाल लक्ष्य मिला था, जिसे टीम ने बेहद ही रोमांचक अंदाज में सात विकेट खोकर अपने नाम किया.
टीम की ऐतिहासिक जीत में ऋषभ पंत ने 138 गेंदों का सामना करते हुए नाबाद 89 रन बनाए. अपनी पारी के दौरान उन्होंने 9 चौके और एक छक्का भी लगाया. आप सभी की जानकारी के लिए बता दे कि, पंत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के पहले मुकाबलें में खेलने का मौका नहीं मिला था और एडिलेड में रिद्धिमान साहा को खेलते देखा गया था.
मगर एडिलेड में मिली बड़ी हार के बाद साहा के स्थान पर पंत को अंतिम एकादश का हिस्सा बनाया और उसके बाद जो हुआ वो हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया. ऋषभ पंत ने पूरी सीरीज के तीन टेस्ट मैचों में 68.50 की शानदार औसत और लगभग 70 के दमदार स्ट्राइक रेट से 274 रन बनाए.
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए सिडनी टेस्ट को ड्रॉ कराने में भी ऋषभ पंत ने सबसे अहम भूमिका निभाई थी. ऋषभ ने विपरीत परिस्तिथियों में बल्लेबाज करते हुए बेहतरीन 97 रन बनाए थे.
बताते चले कि, इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एकदिवसीय और टी-20 सीरीज में ऋषभ पंत को टीम इंडिया का हिस्सा नहीं बनाया गया था, लेकिन टेस्ट में उन्होंने लाजवाब प्रदर्शन कर ना सिर्फ चयनकर्ताओं को करारा जवाब दिया, बल्कि अपने आलोचकों के मुहं पर भी ताले लगा दिए. ऋषभ पंत अब बहुत जल्द इंग्लैंड के खिलाफ खेली जाने वाली चार टेस्ट मैचों की घरेलू सीरीज में खेलते नजर आएंगे.