टीम इंडिया के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने ब्रिस्बेन टेस्ट के हीरो ऋषभ पंत की जमकर तारीफ की है. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी का चौथा और अंतिम मुकाबला ब्रिस्बेन में गाबा के मैदान पर खेला गया था, जिसे भारतीय टीम ने पूरे तीन विकेट से जीतकर अपने नाम किया. अंतिम टेस्ट मैच में मेजबान ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने 328 रनों का विशाल लक्ष्य रखा था, जिसे टीम ने बेहद ही रोमांचक अंदाज में अपने नाम किया.
टीम की यादगार जीत में सबसे अहम भूमिका 23 वर्षीय विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने निभाई. ऋषभ पंत ने केवल 138 गेंदों का सामना करते हुए 9 चौके और एक छक्के की मदद से नाबाद 89 रनों की पारी खेली. इस मैच जीताऊ पारी के चलते ऋषभ को ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ का आवर्ड भी मिला.
पंत के साथ-साथ शास्त्री को टीम के कार्यवाहक कप्तान अजिंक्य रहाणे, वाशिंगटन सुन्दर, चेतेश्वर पुजारा, मोहम्मद सिराप और शार्दुल ठाकुर को भी जीत का श्रेय दिया. खासतौर पर वो ऋषभ पंत की पारी से काफी ज्यादा प्रभावित नजर आए. इस बात में कोई शक नहीं है कि, पंत की ये पारी उनके करियर की सबसे मुख्य पारियों में से एक रही.
इससे पहले सिडनी टेस्ट में भी उनके बल्ले से 97 रनों की आतिशी पारी देखने को मिली थी और उसी पारी के चलते भारतीय टीम तीसरे टेस्ट को बचाने में सफल भी हुई थी. बता दे कि, इस युवा विकेटकीपर खिलाड़ी को पहला टेस्ट खेलने का अवसर नहीं मिला था, लेकिन बाकी के तीन टेस्ट मैचों में उन्होंने अपने चयन को सही साबित कर दिखाया.
मैच के बाद पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन के दौरान रवि शास्त्री ने अपने बयान में कहा, ”टीम के लड़को ने बहुत ही बढ़िया खेल दिखाया, वाकई में मेरे पास उनकी तारीफ के लिए शब्द नहीं है. एडिलेड में 36 पर ऑलआउट होने के बाद जो कैरक्टर टीम ने दिखाया वो जबरदस्त है. यह टीम रातोंरात नहीं बनाई गई थी. यहां नहीं होने के बावजूद भी विराट हमारे साथ थे. कोहली का कैरेक्टर नहीं रहने पर भी दिखा. रहाणे भले ही शांत दिखें लेकिन वह अंदर से एक मजबूत इंसान हैं. एक कठिन चरित्र.’’
उन्होंने आगे कहा, “ऋषभ पंत के बारे में मैं क्या ही बोलूं, हम उसे विदेश में इसीलिए खिलाते हैं क्योंकि वो एक मैच विनर है. जब वो कीपिंग ठीक नहीं करता तो लोग उसके पीछे पड़ जाते हैं, लेकिन वो बेहतरीन खेल दिखाता है. शायद सिडनी में वो एक घंटा और रुकता तो हम वो मैच भी जीत जाते.”
रवि शास्त्री ने ऋषभ के साथ-साथ टीम के अन्य खिलाड़ियों की भी खूब प्रशंसा की और कहा, “वाशिंगटन सुंदर और नटराजन नेट गेंदबाज थे, लेकिन दोनों ने कमाल का खेल दिखाया. सुंदर ने ऐसे बल्लेबाजी की जैसे कि उन्होंने 20 टेस्ट मैच खेले हैं. शार्दुल ने भी बहुत फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेला है, जिसका फायदा उन्हें टॉप लेवल पर मिला. यह एक बड़ी श्रृंखला जीत है. मुझे नहीं लगता कि दुनिया इसे आसानी से भूल जाएगी. हम सभी लगभग छह महीनों तक लॉकडाउन में थे और दुनिया के किसी और हिस्से में क्रिकेट की शुरुआत हुई थी. हमारे मुख्य गेंदबाजों के चोटिल होने के बावजूद यहां आने और खेलने का तरीका अभूतपूर्व है. खिलाड़ियों को पता है कि जब वे सीमा रेखा को पार करते हैं, तो वे भारत के लिए खेल रहे हैं.”
बता दे कि, अंतिम मैच में वाशिंगटन सुंदर ने मैच में चार विकेट लेने के साथ, 84 रन बनाए, जबकि शार्दुल ठाकुर 73 रन बनाने के साथ सात विकेट अपनी झोली में डालने में सफल रहे. वहीं टी नटराजन के खाते में भी तीन सफलताएं आई.