इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज डेविड गॉवर को लगता है कि भारत मेजबान टीम के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त का पूरी तरह से हकदार है. लॉर्ड्स में दूसरे टेस्ट मैच के अंतिम दिन इंग्लैंड एक कमांडिंग पोजीशन में था क्योंकि भारत के पास 154 रनों की बढ़त थी और उसके हाथ में सिर्फ चार विकेट थे.
मेजबान टीम ऋषभ पंत व इशांत शर्मा को आउट करने में तो सफल रही लेकिन जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी के बीच 89 रनों की नाबाद साझेदारी ने भारत को मैच में वापस लाने में अहम भूमिका निभाई. बुमराह और शमी ने अपनी टीम को 298-8 के स्कोर तक पहुंचाया और भारत ने 272 रनों का लक्ष्य इंग्लैंड के सामने रखा.
भारत के पास इंग्लैंड को आउट करने के लिए 60 ओवर थे और मेहमान इंग्लैंड को बैकफुट पर लाने के लिए नियमित अंतराल पर भारतीय गेंदबाज विकेट चटकाते रहे. मोहम्मद सिराज ने 4-32 के आंकड़े के साथ विकेट चटकाए और इंग्लैंड मात्र 120 रन पर ऑलआउट हो गई. भारत ने मैच में 151 रनों से जीत व सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली.
गोवर ने क्रिकेट डॉट कॉम को एक साक्षात्कार में बताया, “वह अंतिम दिन का शानदार प्रदर्शन था. सचमुच शानदार. सुबह के आखिरी डेढ़ घंटे ने खेल का फैसला किया. मेरे अच्छे दोस्त और पूर्व सहयोगी माइकल एथरटन अक्सर कहा करते थे, ‘एक खराब सत्र टेस्ट मैच में हार की वजह बन सकता है.”
“खैर, वह एक बुरा घंटा था जिसकी कीमत इंग्लैंड को चुकानी पड़ी. लेकिन टीम इंडिया को सलाम. जिस तरह से गेंदबाज चलते रहे, जिस तरह से कोहली जा जोश उन्हें चलाता रहा, बस यही दिखा कि ये भारतीय टीम कितनी दीवानी है. वे 1-0 से आगे हैं और वे इसके पूरी तरह से हकदार हैं.”
लॉर्ड्स टेस्ट एक शानदार गेम था क्योंकि यह ट्विस्ट और टर्न से भरा था. अंतिम दिन से पहले इंग्लैंड ड्राइवर की सीट पर था लेकिन मेहमान टेबल को पलटने में सक्षम रहे.
गॉवर ने आगे कहा, “यह एक बेहतरीन टेस्ट मैच था. एक परंपरावादियों के रूप में हम इसे पसंद करते हैं. हम एक ऐसा खेल पसंद करते हैं जो पूरे पांच दिन तक चलता है, जिसमें ट्विस्ट और टर्न होते हैं, लोगों को आश्चर्य होता है कि कौन जीतने वाला है और एक फैन के लिए पर्याप्त ट्विस्ट और टर्न हैं. इसी लिए हम टेस्ट क्रिकेट को प्यार करते हैं. यही इसे मनोरंजक बनाता है. आज जो हम व्हाइट बॉल क्रिकेट में देखते हैं ये उससे कहीं अलग है.”