भारत के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने लीड्स, हेडिंग्ले में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने के विराट कोहली के फैसले का समर्थन किया है. कोहली ने थोड़ी धुंधली परिस्थितियों में पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया, लेकिन भारत की बल्लेबाजी इकाई ताश के पत्तों की तरह मैदान पर बिखर गई.
जेम्स एंडरसन ने अपने खेल के शीर्ष पर गेंदबाजी की क्योंकि उन्होंने पारी की पांचवीं ही गेंद पर इन-फॉर्म केएल राहुल को आउट किया. इसके बाद, एंडरसन ने आउट ऑफ फॉर्म चेतेश्वर पुजारा को आउट किया, जो बाहर की ऑफ स्टंप डिलीवरी पर शिकार बने एंडरसन को तब विराट कोहली का बड़ा विकेट मिला, क्योंकि बाहरी किनारे से लगकर गई गेंद को जोस बटलर ने कैच कर लिया.
दूसरी ओर, जो रूट टॉस हारकर खुश थे क्योंकि वह पहले फील्डिंग करना चाहते थे. भारत ने शुरुआती सत्र में चार विकेट गंवाए और दूसरे सत्र में सभी छह विकेट गंवा दिए. दरअसल, भारत ने 67 रन के स्कोर पर चार विकेट गंवाए और क्रेग ओवरटन और सैम करन दोनों के पास लगातार ओवरों में हैट्रिक के मौके थे.
इस तरह भारत की पहली पारी को 78 रनों के अल्प स्कोर पर समेट दिया गया क्योंकि कोई भी बल्लेबाज क्रीज पर टिकने का साहस नहीं दिखा पा रहा था. इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों ने शानदार वापसी की और भारतीय बल्लेबाजों के प्रदर्शन के बाद से कप्तान कोहली के पहले बल्लेबाजी चुनने के फैसले पर सवाल उठाए जाने लगे.
पंत ने मैच के बाद कहा, “हम जो भी फैसला लेते हैं वो एक टीम के तौर पर लेते हैं. एक बार जब हमने फैसला कर लिया कि हम बल्लेबाजी करेंगे तो हम अपने फैसले का समर्थन करते हैं. हां, हम बेहतर तरीके से अपनी योजनाओं को लागू कर सकते थे लेकिन हम अब टॉस के बारे में लगातार सोच नहीं सकते.”
“यह खेल का हिस्सा है. हर बार बल्लेबाजी ईकाई अपना 100 प्रतिशत देती है, लेकिन कई बार अच्छा नहीं कर पाती. सुबह के समय विकेट नरम दिख रही थी और उन्होंने भी अच्छी जगह गेंदबाजी की. हम बल्लेबाजी अच्छी कर सकते थे. हम इससे सीख सकते हैं और सिर्फ आगे बढ़ सकते हैं. क्रिकेटर होने के नाते हम यही कर सकते हैं. आप अपनी गलतियों से सीखते हो और सुधार करते हो.”
दूसरी ओर, इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाजों ने अपनी टीम को अच्छी शुरुआत दी. हसीब हमीद और रोरी बर्न्स ने स्टंप्स से पहले 120 रनों की साझेदारी कर अपनी टीम को 42 रनों की बढ़त दिलाई. वास्तव में, सूरज निकलने के साथ ही इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाजों के लिए भी स्थितियां आसान हो गईं. इसके अलावा, भारतीय गेंदबाज सही क्षेत्रों में गेंद को पिच करने में विफल रहे.
“उन्होंने हैवी रोलर का उपयोग किया. तब विकेट बेहतर हो गई थी. उन्होंने अच्छी बल्लेबाजी भी की. लेकिन जब हम बल्लेबाजी कर रहे थे तब विकेट थोड़ी नरम थी और उन्होंने अच्छी जगह गेंदें डाली. हम अच्छा कर सकते थे.”
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